“शिगूफ़ा” मतलब जीवन का यथार्थ बोध
प्रतिष्ठ कथाकार चित्रगुप्त की सद्य: प्रकाशित पुस्तक "शिगूफा" पढ़ने का सुअवसर प्राप्त हुआ। दरअसल यह 104 पृष्ठों पर मुश्तमिल 17 कहानियों का संग्रह है, जो न्यू वर्ल्ड पब्लिकेशन, नई दिल्ली ...
और पढ़ें ..
और पढ़ें ..
पुस्तक कुछ कहती है
कहानियों का कारवाँ (उर्दू एवं अरबी की चयनित कहानियाँ) अनुवाद एवं संपादन - राम पाल श्रीवास्तव प्रकाशक - समदर्शी प्रकाशन, साहिबाबाद प्रथम संस्करण - 2024 मूल्य - 200 रुपए ...
और पढ़ें ..
और पढ़ें ..
नए क्षितिज की तलाश करता “कहानियों का कारवां”
उर्दू अदब में अफसानानिगारी का चलन जितना पुराना है, उतना ही विदेशी कहानियों का देवनागरी लिपि में लिप्यंतरण एवं अनुवाद भी बहुत दिलचस्पी से किए व पढ़े जाते रहे हैं। ...
और पढ़ें ..
और पढ़ें ..
संवेदना का समंदर है “तृप्ति की एक बूंद
कहानी की भाषा सपाट नहीं होती। उसमें सहजता के साथ अस्वाभाविकता का पुट मिले तो कोई हर्ज नहीं ! लेकिन यदि कहानी में संवेदनशीलता न हो, तो वह कोई पुष्ट ...
और पढ़ें ..
और पढ़ें ..
“कहानियों का कारवां” की नितांत पठनीयता
वाकई किसी कवि ने कहा था - हम खड़े-खड़े बहार देखते रहे, कारवां गुज़र गया, गुबार देखते रहे । किसी कवि की उक्त पंक्तियाँ उस समय चरितार्थ हो उठी ज़ब ...
और पढ़ें ..
और पढ़ें ..
“कहानियों का कारवां” – एक ख़ूबसूरत गुलदस्ता
एक भाषा में रचे गए खूबसूरत और पठनीय साहित्य को दूसरी भाषा में अनुवाद करके पाठकों तक पहुंचाना दोनों भाषाओं के पाठकों को एक कीमती उपहार देने जैसा होता है। ...
और पढ़ें ..
और पढ़ें ..
“मामक सार” – अंतर्वेदना का संवेग स्वर
उपन्यास को मैं एक अति क्रांतिकर विधा मानता हूं। इसका कारण केवल शिल्पगत एवं कल्पना-चित्रों के आमूल परिवर्तनों को नहीं समझना चाहिए, अपितु इसकी प्रभावकारिता में दिन-प्रतिदिन पैनापन का सहज ...
और पढ़ें ..
और पढ़ें ..
“अवतारवाद – एक नई दृष्टि” का सफल मंतव्य
अवतारवाद पर राम पाल श्रीवास्तव जी की किताब "अवतारवाद एक नई दृष्टि " सच में एक नई दृष्टि लेकर हमारे सामने आई है। किताब को मैंने दो बार पढ़ा। किताब ...
और पढ़ें ..
और पढ़ें ..
” ईश्वर, अल्लाह एक है फिर क्यों यह कोहराम ?”
कविता कवि की शान है, हालत उससे जान, सुंदर स्वर्ण कविता की, यही होत पहचान | - आर के रस्तोगी वास्तव में दोहा ने ही हिंदी कविता को स्थापित करने ...
और पढ़ें ..
और पढ़ें ..
मुस्लिम समाज की समस्याओं पर सम्यक दृष्टि
इस समय मेरे हाथ में लेखक-पत्रकार रामपाल श्रीवास्तव की सद्यः प्रकाशित पुस्तक “ सत्ता के गलियारों में सफ़ेद हाथी” है। यह पुस्तक भारतीय मुसलमानों की आर्थिक, सामाजिक, राजनीति समस्याओं पर ...
और पढ़ें ..
और पढ़ें ..
” कविता में जीते हुए ” पारमार्थिक सृजन
पिछले कई दशकों से साहित्य-साधना में लगे पंजाब के चर्चित कवि, आलोचक एवं चिंतक राकेश प्रेम की कविता-संग्रह " कविता में जीते हुए " हस्तगत हुआ | यह मेरे लिए ...
और पढ़ें ..
और पढ़ें ..
साहित्य सिलसिला “- साहित्य जगत को नायाब तोहफ़ा
चर्चित उपन्यासकार डॉक्टर अजय शर्मा के सुसंपादन में प्रकाशित पत्रिका " साहित्य सिलसिला " का अक्टूबर 2023 अंक मेरे पास कुछ अधिक ताखीर से मिला। इसकी मुख्य वजह मेरा गाँव ...
और पढ़ें ..
और पढ़ें ..