पुलिस ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की तो वे अधिक उग्र हो गए,तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर प्रदर्शन कर रहे हिंदूवादी कार्यकर्ताओं को खदेड़ा | इसके बाद इन पर कार्रवाई की मांग को लेकर यूनीवर्सिटी के छात्रों ने अपनी गिरफ़्तारी देने के लिए सिविल लाइंस थाने की ओर कूच किया , तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की | आरोप है कि एस पी क्राइम और रैपिड एक्शन फोर्स के कमान्डेंट के साथ धक्कामुक्की की गई , , जिससे हालत बिगड़ गई | पुलिस ने लाठी चार्ज किया , आंसू गैस के गोले छोड़े | एस पी क्राइम आशुतोष द्विवेदी ने रबर बुलेट चलाने की ख़बर से इन्कार किया है |
यूनीवर्सिटी परिसर में जब हिंसा और टकराव की स्थिति बनी थी , तभी यह खबर आई कि यूनियन हॉल से जिनाह की तस्वीर हटा दी गई है और यूनियन हॉल के सभी गेटों पर ताला जड़ दिया गया | किसी के अंदर आने-जाने पर रोक लगा दी गई | यूनियन गेट पर ताला और जिन्ना की तस्वीर हटाए जाने को लेकर यूनियन के उपाध्यक्ष सज्जाद सुब्हान राथेर ने कहा कि अभी सफाई का काम चल रहा था , इसलिए जिनाह समेत कई और तस्वीरों को हटाया गया | सफाई काम पूरा होते ही जिनाह समेत सभी तस्वीरों को वापस अपनी जगह लगा दी जाएगी | छात्र यूनियन का कहना है कि तस्वीर पुनः लगा दी गई थी और जिनाह की तस्वीर किसी भी सूरत में नहीं हटाई जाएगी | स्थानीय भाजपा सांसद सतीष गौतम ने यूनीवर्सिटी के वाइस चांसलर मंसूर तारिक़ को चिट्ठी लिखकर पूछा था कि क्या अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी में पाकिस्तानी संस्थापक मुहम्मद अली जिनाह की तस्वीर लगी हुई है? अगर जिनाह की तस्वीर लगी हुई है तो किस विभाग में और किन कारणों से लगी है वे कारण बताएं ? साथ में यह भी बताएं कि यूनीवर्सिटी में पाकिस्तानी संस्थापक जिनाह की तस्वीर का लगा होना कितना तार्किक है?
यूनीवर्सिटी ने इस तरह के किसी पत्र के मिलने से इन्कार किया है | यूनीवर्सिटी में इतिहास के प्रोफ़ेसर मुहम्मद सज्जाद कहते हैं, ” यूनीवर्सिटी के स्टूडेंट यूनियन हॉल में जिनाह की तस्वीर साल 1938 से लगी हुई है , जब जिनाह को आजीवन सदस्यता दी गई थी | आजीवन मानद सदस्यता एएमयू स्टूडेंट यूनियन देता है | पहली सदस्यता महात्मा गांधी को दी गई थी | बाद के सालों में डॉ भीमराव आंबेडकर, सी वी रमन, जय प्रकाश नारायण, मौलाना आज़ाद को भी आजीवन सदस्यता दी गई | इनमें से ज़्यादातर की तस्वीरें अब भी हॉल में लगी हुई हैं |” ऐसे में यह सवाल कि 80 साल बाद यूनीवर्सिटी में जिनाह की तस्वीर पर बवाल क्यों हो रहा है? प्रो . मुहम्मद सज्जाद ने कहा, ”जो लोग बंटवारे में जिनाह की भूमिका को लेकर यह सवाल कर रहे हैं कि 1947 के बाद से इस तस्वीर को हटाया क्यों नहीं गया ? एएमयू इतिहास को मिटाने में यकीन नहीं रखता है. जैसे कि आजकल आप ऐतिहासिक इमारतों के साथ होता देख रहे है |’
यह सच है कि इस मुद्दे को लेकर जान – बूझकर सांप्रदायिक केन्द्रीकरण का प्रयास किया ही गया है , इसे लेकर राजनीति भी हो रही है | योगी सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने जिनाह को ‘ भारत का महापुरुष ‘ बता दिया है | इनके इस बयान पर पलटवार करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने जिनाह को देश का दुश्मन बताया | उन्होंने कहा कि देश में किसी भी व्यक्ति के दिल में ऐसे दुश्मन के लिए कभी जगह नहीं रही और न रहेगी | मौर्य जी की बात सत्य है | अतः अब जब हमारा ध्यान इस ओर गया है , तो गलती या गलतियाँ सुधारनी चाहिए | कुछ लोग यह कहते हैं कि भारत में कई और भी जगहें जिनाह की तस्वीरें लगी हुई हैं | मुंबई के इंडियन नेशनल कांग्रेस के दफ्तर में 1918 से जिनाह की तस्वीर लगी हुई है | मुंबई में जिनाह हाउस भी है, जो उनका मुख्य आवास था , जहाँ से वे विभाजन के बाद 1947 में कराची चले गए थे | अगर ऐसा है , तो गलती सुधारनी चाहिए | इस्लाम तस्वीरों के प्रदर्शन के ख़िलाफ़ है | – Dr RP Srivastava , Editor -in- Chief , ” Bharatiya Sanvad”
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