कभी गोकुशी तो कभी बच्चा चोरी की अफवाहों व बहानों से जान लेने का जो सिलसिला पिछले कुछ सालों से चल रहा है , उस पर रोक न लगना देश की क़ानून – व्यवस्था के लिए एक बड़ा सवाल पैदा करता है | महाराष्ट्र , असम , मध्यप्रदेश , गुजरात , बंगाल , उत्तर प्रदेश , छतीसगढ़ , त्रिपुरा के बाद कर्नाटक में भी बच्चा चोर गिरोह की आड़ में पिछले दिनों हत्याएं  कर दी गईं | इस सिलसिले में एक अच्छी बात यह हुई है कि संसद के मानसून सत्र में राजद और भाकपा ने माब लिंचिंग पर बहस के लिए नोटिस दिया है , लेकिन इस पर बहस की उम्मीद कम है , क्योंकि सरकार के खिलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव की मंज़ूरी से संसद को पर्याप्त समय नहीं मिल पाएगा | उधर सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में सख्ती का रुख अपनाया है | सुप्रीम कोर्ट ने विगत 17 जुलाई 2018 को संसद से कहा कि भीड़ द्वारा लोगों की पीट-पीटकर हत्या करने की घटनाओं से प्रभावी तरीक़े से निबटने के लिए एक विशिष्ट कानून बनाए , जिसमें सख्त सजा का प्रावधान हो, ताकि ऐसे अपराधियों में कानून का डर पैदा हो। अदालत ने केंद्र को भी कड़े दिशा-निर्देश जारी किए। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा, ए एम खानविलकर और डी वाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने कथित गोरक्षकों द्वारा की जाने वाली हिंसा से निपटने के लिए सख्त प्रावधान करने के निर्देश दिए। पीठ ने कहा, नागरिक कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकते। भीड़तंत्र की इन खतरनाक गतिविधियों को नया सामान्य चलन नहीं बनने दिया जा सकता। अदालत ने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना राज्यों का काम है। राज्य ऐसी घटनाओं को नजरअंदाज नहीं कर सकते। अशांति और अराजकता के माहौल में राज्य को जिम्मेदारी से कार्रवाई करनी चाहिए | पीठ ने कहा कि जब भी कोई समूह किसी विचार के साथ कानून को अपने हाथों में लेता है तो इससे अराजकता, अशांति और अव्यवस्था पैदा होती है तथा हिंसक समाज का जन्म होता है। ऐसा होने से रोकना होगा। पीठ ने तुषार गांधी और तहसीन पूनावाला की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात कही। इसमें भीड़ की हिंसा पर रोकथाम की मांग की गई थी।.सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के एक दिन पहले 15 जुलाई को कुछ शरपसंद लोगों के हाथों एक और बेगुनाह का निर्मम क़त्ल हुआ |कर्नाटक के बीदर जिले में बच्चा चोरी के शक में चार युवकों पर भीड़ ने हमला बोल दिया जिनमें मुहम्मद आज़म अहमद [ 32 वर्ष ] की घटनास्थल पर ही मौत हो गई | मुहम्मद आज़म गूगल की हैदराबाद शाखा में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम कर रहे थे | घटना के प्राप्त विवरण के अनुसार , भीड़ द्वारा बच्चा चोर गिरोह का सदस्य क़रार देकर जिन युवकों पर हमला किया गया , उनमें एक क़तर के युवक भी शामिल हैं | पुलिस के अनुसार , इस मामले में वॉट्सऐप की तीन एडमिन को गिरफ्तार किया गया है , जिन्होंने ऐसे फोटो और मैसेज भेजे , जिनमें चारों युवकों को बच्चा चोर कहा गया था | पुलिस ने तीस और लोगों के गिरफ़्तार किया है जो हमलावर भीड़ का हिस्सा बताए जाते हैं | क़तर वासी सलहाम की पत्नी जैबुन्निसा ने कहा कि चारों 13 जुलाई की सुबह हैदराबाद से बीदर निवासी एक रिश्तेदार से मिलने और एक सामाजिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गए थे. कार्यक्रम के बाद, वे जमीन के उस टुकड़े को देखने के लिए जा रहे थे जिसे वे खरीदना चाहते थे. रास्ते में ही हमला हो गया | उन्होंने बताया, ‘जब वे 4:30 बजे के करीब औराद तालुका के मुरकी गांव में एक स्कूल के पास चाय के लिए रुके | उन्होंने बच्चों को अपने घर जाते देखा | सलहाम ने विदेशी चॉकलेट बच्चों को दी जिसे कि वह अपने साथ लाया था,हालांकि किसी ने ऐसी अफवाह उड़ा दी की अजनबी बच्चों को चॉकलेट देकर ललचा रहे हैं और लोग वहां तुरंत इकट्ठा होना शुरु हो गए | मलकपेट से एमआईएम विधायक अहमद बलाला ने मीडिया को बताया, ‘पीड़ितों ने उन्हें बताया कि अगले गांव में ग्रामीणों ने पेड़ सड़क पर गिराकर रास्ता रोक लिया | इससे बचने के लिए गाड़ी चला रहे आज़म ने गाड़ी की रफ्तार बढ़ाकर किनारे से निकलना चाहा , लेकिन वे एक गड्ढे में गिरकर फंस गए | भीड़ ने उन्हें वहां से खींचकर बुरी तरह पीटना शुरू कर दिया | बिलाला ने कहा कि ‘मैं पीड़ितों से मिला और उन्होंने कहा कि दो पुलिसवाले मौक़े पर पहुंच गए थे , लेकिन वे भीड़ को नहीं रोक सके |’ भीड़ ने उन पर पत्थर और डंडों से हमला किया था. इसी दौरान किसी ग्रामीण ने पुलिस को फोन कर दिया | पुलिस ने पहुंचकर हालात को संभालने के लिए लाठीचार्ज भी किया और युवकों को अस्पताल ले गई | आई टी कंपनी में काम करनेवाले एक शख्स के साथ ऐसी ही एक घटना कुछ समय पहले भी हो चुकी है | पिछले कुछ सालों में कभी गोवंश, तो कभी बच्चा चोरी की आड़ में बेक़सूर इन्सानों की लगातार हत्याएं की जा रही हैं , जो मानवता पर सीधा प्रहार हैं और देश व समाज की छवि को खराब करनेवाली हैं | इन पर रोक लगनी चाहिए | – Dr RP Srivastava , Editor – in- Chief, ” Bharatiya Sanvad ”

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