हिन्दू देवी देवताओं में भगवान शिव के रूद्रावतार महाबली बजरंगी बली पवनसुत हनुमान ऐसे हैं जो इंसानों के बड़े वर्ग में पूज्य होने के साथ शक्ति प्रदाता माने हैं | हिन्दू उन्हें बजरंगबली कहते हैं तो अन्य उन्हें भिन्न – भिन्न नामों से पुकारते हैं | बजरंगबली एकमात्र ऐसे देवता हैं जो अजर अमर एवं विघ्नविनाशक विघ्नहर्ता माना जाता है और इनका नाम लेते ही भूत पिशाच एवं दुश्मन सभी भाग जाते हैं। माना जाता है कि भगवान शिव ही सतयुग में विष्णु अवतार भगवान श्रीराम की रक्षा के लिए बजरंगबली के रूप में इस धराधाम पर अवतरित हुए थे।भगवान राम तो वापस विष्णु लोक वापस लौट गये थे लेकिन बजरंगबली को भक्तों की रक्षा के लिए अजर अमर का वरदान देकर हमेशा इस धरती पर छोड़ गये थे।यहीं कारण है कि महाबली हनुमानजी का झंडा आज भी पूरे देश में चाहे अयोध्या जी हो चाहे मेंहदीपुर या तिरूपति में बालाजी हो फहरा रहा है और उनका इकबाल आज कलियुग में भी बुलंद है। बताते हैं कि जिस समय स्वप्न में उन्होंने दर्शन देकर खुदाई करने का आदेश दिया था और मेंहदीपुर में महाबली का अवतरण मूर्ति के रूप में हुआ था उस समय वहाँ पर घनघोर बियाबान जंगल हुआ करता था। मेंहदीपुर बालाजी का यह स्थान राजस्थान में पड़ता है जहाँ रोजाना लाखों भक्तों की भीड़ लगती है और जो शुद्ध साफ मन से वहाँ जाता है उसका हर देहिक दैविक भौतिक कष्ट दूर हो जाते हैं।यहाँ पर बालाजी सरकार के साथ ही साथ बाबा भैरवनाथ कोतवाल सरकार के साथ हमेशा भक्तों के कष्टनिवारण करने के लिये आतुर रहते हैं और यहाँ आते ही भूत बैताल पिशाच चिल्ला कर भागने लगते हैं।यहीं कारण है कि तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद देश के विभिन्न क्षेत्रों से भूत पिशाच पीड़ित लोग बाबा की ड्यौढ़ी पर अपने कष्टों का निवारण करने पहुंचते हैं और रोते हुए जाते हैं और बालाजी की जयकारा लगाते स्वस्थ होकर हंसते हुए वापस लौटते हैं। आज हम सबसे पहले बालाजी सरकार को शत शत नमन वंदन अभिनंदन कर अपने सुधीजन पाठकों के कष्टरहित सुखमय मंगलमय जीवन की कामना करते हैं।राजस्थान के लिए गौरव की बात है कि उनके यहाँ बालाजी सरकार का धाम उनकी सरजमीं पर स्थित है लेकिन सरकार की इस स्थान की उपेक्षा आहत करने वाली है। मेंहदीपुर कस्बे की चाहे सड़कें हो चाहे अन्य विकास कार्य हो सभी अवरुद्ध पड़े हैं जबकि अयोध्या में मंदिर निर्माण आंदोलन में सहभागिता करने वाले सर्वाधिक राम हनुमान भक्त यहीं के थे।यही वजह है कि मेंहदीपुर धाम अयोध्या जी का दूसरा रूप बना हुआ है तथा बालाजी सरकार के साथ भगवान राम की भी पूजा अर्चना होती है और महाबली हनुमान रूपी बालाजी के साथ साथ जय श्रीराम के जयकारे लगते रहते हैं।यहां पर पंचमुखी हनुमान जी भी पहाड़ की चोटी पर विराजमान हैं जो भक्तों की समस्त मनोकामनाओं का पूरा करते हैं।
– भोलानाथ मिश्र
वरिष्ठ पत्रकार/ समाजसेवी
रामसनेहीघाट, बाराबंकी, यूपी