लम्बी दूरी के सफर को आसान बनाने के लिए सीधे सुंदर सुगम रास्ते की जरूरत होती है जिससे लोग कम समय में लम्बी दूरी आसानी से और सुरक्षित तय कर सके।वैसे हमारे देश में आजादी के बाद सड़कों का एक बड़ा जाल बिछाया गया है लेकिन ज्यों ज्यों सड़कें बनती जा रही हैं त्यौं त्यौं आबादी एवं वाहनों के मामले में क्रांति आती जा रही है।देश के अधिकांश गाँवों को मुख्य मार्गों से जोड़ने का अभियान पिछले चार दशकों से युद्ध स्तर चलाया जा रहा है और प्रधानमंत्री सड़क योजना इसके लिए वरदान बनी है।आजादी के बाद गाँवों की आबादी शहरों की तरफ बढ़ी है और लोग शहरों में अपना आशियाना बनाने लगे हैं। गाँवों के लोगों के शहरों की तरफ पलायन करने से शहरों की आबादी बढ़ी है और आबादी बढ़ने से रास्ते सकरे हुये तथा उन पर भीड़ बढ़ी है।आबादी वृद्धि होने के कारण विभिन्न शहरों में बने सरकारी एवं प्राइवेट बस अड्डे भीड़भाड़ वाले स्थानों पर पहुंच गये हैं जिससे वहाँ तक पहुंचने में घंटों लग जाता है जिससे सफर का समय स्वतः बढ़ जाता है। आजादी के बाद बने सभी राजमार्गों के साथ अटल बिहारी वाजपेयी की चतुर्भुज सड़क योजना के तहत पूरे देश में फोरलेन राजमार्गों का निर्माण बाईपास के साथ किया गया है लेकिन इससे लम्बी दूरी का समय कम नहीं हो पाया है। लम्बी दूरी के सफर के समय को कम करने की दिशा में पहली बार उत्तर प्रदेश की पिछली तत्कालीन अखिलेश सरकार ने पहल करते हुए लखनऊ से आगरा की दूरी एवं समय को कम करने के लिए आगरा एक्सप्रेसवे का निर्माण अनूठे ढंग से कराया था। यह देश की पहली सड़क है जिस पर सेना के लड़ाकू विमान उतर एवं उड़ान भर सकते हैं और पूरे मार्ग पर लाइट एवं पेट्रोलिंग की व्यवस्था है। तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश ने उस समय इस सड़क को बनवाने के बाद कहा था कि जो एक बार भी इस सड़क से गुजरेगा वह उन्हें वोट सपोट जरूर देगा।इस अनूठे एक्सप्रेसवे की सफलता और लोकप्रियता को देखते हुए योगी सरकार ने भी इस दिशा में अगला कदम उठाते हुए देश की सबसे बड़े लखनऊ गोरखपुर पूर्वाचंल एक्सप्रेसवे मार्ग का निर्माण शुरू कराया गया है। यह मार्ग आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे की तर्ज पर उससे बड़ा है और इसके बन जाने के बाद उत्तर प्रदेश का पश्चिमी हिस्से से पूर्वाचंल सीधे जुड़ जायेगा और लोग अखिलेश की तरह योगीजी की सरकार को याद करेगें।निश्चित ही इस मार्ग के बन जाने से गोरखपुर लखनऊ के बीच की लम्बी दूरी कम होगी तथा समय की बचत होगी और इसका सीधा लाभ पूर्वाचंल के साथ साथ बिहार एवं छत्तीसगढ़ को भी मिलेगा।इतना ही नहीं इस एक्सप्रेसवे पर भी बनारस के आसपास विमान लैंडिंग कराने लायक सड़क का निर्माण कराया जा रहा है जिससे सेना को काफी राहत मिलेगी। सफर की दूरी एवं समय कम करने की दिशा में अखिलेश सरकार की पहल और योगीजी के नये कीर्तिमान स्थापित करने का अनुसरण सभी राज्य कर ऐसे ही एक्सप्रेसवे का निर्माण करवा लें तो निश्चित तौर पर देश के सभी राज्यों के लोगों को इस छोर से उस छोर पहुंचने में आसानी और समय की बचत होगी। योगीजी की महत्वाकांक्षी योजना की गति को देखते हुए लगता है कि अखिलेश सरकार के निर्माण अवधि के मामले में मुकाबला नहीं कर सकेगी क्योंकि जिस कच्छप गति से काम हो रहा है उससे नहीं लगता है कि मार्ग बनने मे पांच साल से भी अधिक समय लग जायेगा। अगर अखिलेश के प्रिय प्रोजेक्ट आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे की तरह यह एक्सप्रेसवे बना तो निश्चित ही यह यादगार ऐतिहासिक मार्ग सिद्ध होगा।
–भोलानाथ मिश्र
वरिष्ठ पत्रकार/समाजसेवी