हमारा देश चौतरफ़ा समस्याओं से घिरा हुआ है | गरीबी , बेरोज़गारी , महंगाई, भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं ने आम आदमी की मुश्किलें बहुत बढ़ा दी हैं | आख़िर इन समस्याओं का मूल कारण क्या है ? इन्सान की विकृत मानसिकता , नैतिक पतन के साथ ही पूंजीवाद और पूंजीवादी स्वार्थपरक मानसिकता ही इसका मूल कारण है | सामान्य तौर पर आज की हालत को देखते हुए कहा जा सकता है कि देश की व्यस्थापिका और कार्यपालिका हर हाल में अपने खाने – कमाने में मशग़ूल है | जनता मूक दर्शक की भूमिका निभा रही है | उसके हाथ में अमलन कुछ नहीं ! वोटों की जो ताक़त है, वह भी विशेषकर अब नोटों तले दब जाती है | ज़ाहिर है , बिना पूंजीवाद का दमन थामे लूट – खसोट संभव नहीं है ! अतएव आज सामान्य रूप से देखा जा रहा है कि देश को पूंजीवादी साम्राज्यवाद की आग में झोंकने का काम सत्ताधारी वर्ग और प्रतिपक्षी दोनों कर रहे हैं | देश के राजनीतिक दल इस घिनौने काम में बुरी तरह पारंगत हो चुके हैं | सभी जानते हैं कि ये ही देश की व्यवस्थापिका का निर्माण करते हैं | फिर ये कार्यपालिका में अपने जैसी मानसिकता रखनेवालों का प्रोत्साहन एवं संवर्धन करते हैं , जिसके नतीजे में अधिकारियों और कर्मचारियों का पूरा गिरोह रिश्वतखोरी , कामचोरी और भ्रष्टता में बेख़ौफ़ तरीक़े से लिप्त हो जाता है !फिर हालत यह भी हो सकती है कि हर छोटे – बड़े सभी कामों और सौदों में छोटी रक़म से लेकर अरबों – खरबों की धनराशि कमीशन या रिश्वत का दौर चल जाता है !
ताज़ा हालत यह है कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ प्राप्त कथित भ्रष्टाचार की शिकायतों के ब्योरे साझा करने से साफ़ इन्कार कर दिया है। पीएमओ ने कहा कि इस तरह की सूचना मुहैया कराना जटिल क़वायद हो सकती हैपीएमओ का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब देश की प्रमुख जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने केंद्रीय कोयला एवं खनन राज्य मंत्री हरिभाई पार्थीभाई चौधरी के विरुद्ध भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।
हमारे देश को बड़े – बड़े घोटाले करने का श्रेय और गर्व प्राप्त है ! इन घोटालों के अनगिनत नाम हैं | वर्तमान में राफ़ेल कांड घूम रहा है | राष्ट्रमंडल खेल घोटाला , बोफ़ोर्स ,चारा घोटाला , ताबूत और हेलीकाप्टर – खरीद घोटाला आदि ऐसे काण्ड एवं ‘ आमालनामे ‘ हैं , जो देश के कर्णधारों के चाल – चलन को पूरी तरह उजागर करते रहे हैं | केंद्र और राज्य सरकारों का यही हाल है | एक छोटे – से क्लर्क के पास से करोड़ों की काली कमाई निकलती है ! सरकारी कार्यालय यहां तक कि छोटी अदालतें , रजिस्ट्रार आफ़िस आदि भ्रष्टाचार के ‘ जीवंत ‘ केंद्र बने हुए हैं | हालत इतनी बदतर है कि किसी को भी अपना काम कराने के लिए रिश्वत देने के अलावा कोई विकल्प शेष नहीं है | रिश्वत न दो तो अधिकारी – कर्मचारी काम नहीं करते ! पिछले दिनों टी वी पर एक विज्ञापन चला , वह भी एकतरफ़ा, कि जनता का ही क़सूर है कि वह रिश्वत देती है !! एक शब्द इस पर नहीं आया कि अधिकारी – कर्मचारी रिश्वत क्यों लेते हैं !!! आज रिश्वत को इस प्रकार संस्थागत रूप दे दिया गया है कि ग़रीबों को तो सिरेसे उनका जायज़ हक़ रिश्वत , पक्षपात और प्रदूषित मानसिकता के कारण नहीं मिलता | सांप्रदायिकता और फासीवाद का भयानक झूठ किसी फैक्टरी के सदृश उत्पादित किया जा रहा है ! विशेषकर हिन्दुओं और मुसलमानों को छद्म मुद्दों में फंसाकर लड़ाया जा रहा है | इतिहास के पृष्ठ बताते हैं किदेश की आज़ादी के लिए जो लड़ाई हिन्दू – मुसलमान और अन्य लोगों ने मिलकर लड़ी थी , उनमें आज दूरी पायी जाती है | सांप्रदायिक तनावों में जो लगातार वृद्धि हो रही है , वह भी दूरी,ग़लतफ़हमी और बदगुमानी का कुपरिणाम है |
इस सूरतेहाल में सांप्रदायिक और फ़ासीवादी तत्वों को अपना काम करने का ‘ सुअवसर ‘ प्राप्त होता है | ये तत्व देश की सत्ता – राजनीति पर क़ाबिज़ होकर अंग्रेज़ों की ‘फूट डालो . राज करो ‘ की नीति को पूरी तरह अपना रखा है | इनकी पहुँच पुलिस , प्रशासन , मीडिया और न्यायपालिका तक है , जिसे कारण देश के अल्पसंख्यक और कमज़ोर वर्गों को अपने भौतिक एवं आस्थागत अस्तित्व को बचाना बहुत कठिन हो गया है | वास्तव में नागरिक और मानवीय अधिकारों की पामाली हमारे देश में एक बड़ी समस्या बनी हुई है | यह अन्यायपूर्ण स्थिति ज़रूर बदलनी चाहिए | ज़रूरत इस बात की है कि शांति प्रिय , न्याय प्रिय और देश व समाज हितैषी हर व्यक्ति अपनी ज़िम्मेदारी महसूस करे , मौलिक धार्मिक और नैतिक मूल्यों को अपनाए एवं देश को भ्रष्टाचार सहित अन्य समस्याओं के हल तथा चरित्रहीन व मलिन राजनीति से देश को पाक करने के लिए आगे आए |
– Dr RP Srivastava, Editor – in – Chief , ”Bharatiya Sanvad”