बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान का वक़्त आ चुका है | सभी ‘सियासी मदारी’ अपने करतब के साथ तैयार थे और अभी भी तैयार हैं | अलबत्ता अब प्रहसन के दूसरे दौर की भूमिका में मंचन करना शेष है | यह भूमिका लोकतंत्र के सीधे मुक़ाबिल में है, जो जोड़तोड़ और ख़रीद – फ़रोख़्त के दरीचे तक पहुंचाकर ही दम लेती है | यह आसन्न चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दक्षता – परीक्षा ही नहीं, एक बड़ी चुनौती है | 28 अक्टूबर 2020 को होनेवाले विधानसभा चुनाव के पहले दौर में 16 ज़िलों की 71 सीटों पर मतदान होना है | ये सभी बिहार के प्रमुख इलाक़े – मगध, भोजपुर और भागलपुर परिक्षेत्र हैं, जहां के मत आम तौर पर निर्णायक माने जाते हैं | इन क्षेत्रों से नीतीश कुमार के आठ मंत्री भी अपनी क़िस्मत आज़मा रहे हैं | क़िस्मत आज़माने की बात इसलिए भी कि इन सभी की मतदाताओं पर पकड़ ढीली पड़ गई है | ये सभी मतदाताओं के बीच वादा ख़िलाफ़ माने जाते हैं | वैसे पूरे बिहार में जेडीयू की अच्छी छवि अब नहीं रही | यह पार्टी पिछले 15 वर्षों से सत्ता में है, मगर जन विश्वास नहीं जीत पाई | इसकी पोज़ीशन पहलेवाली कांग्रेस की मानिंद क़तई नहीं है, जो पार्टी – मक्कारी और उसके द्वारा छले जाने के बाद बार – बार उसे मौक़ा देते रहे | यह ज़रूर है कि नीतीश सरकार ने भी मतदाताओं को छला है, उनके विश्वास को तोड़ा है | ‘ विकास पुरुष ‘ की झूठी छवि अर्जित की है | बाबू नीतीश कुमार के पहले कार्यकाल के कामों को छोड़ दें , तो उनके पास कुछ गिनाने को कुछ भी नहीं है | क्या इतने से 15 साल के काम की भरपाई हो सकेगी ? क़तई नहीं | न सही विकास है और न ही रोज़गार है | नतीजा यह है कि युवाओं में भारी असंतोष है ! उधर शराबबंदी से पियक्क्ड़ जनता परेशान है | उसे अपनी लत – शांति के लिए बड़ी क़ीमत चुकानी पड़ रही है | बिहार में शराबबंदी के बाद से शराब की तस्करी आम है | हालांकि सरकार इस तथ्य का इन्कार कर रही है | मुख्यमंत्री यह फ़रमा रहे हैं कि शराब माफ़िया उनके ख़िलाफ़ है , जो उन्हें चुनाव हरवाने पर तुला है | सच्चाई यह है कि शराबबंदी से शराब माफ़िया की बल्ले – बल्ले है | उसे चार से पांच गुना बढ़कर आय प्राप्त हो रही है | ठीक इसके विपरीत तस्करी से शराब से मिलनेवाली कर रूपी आय ख़त्म हो चुकी है | ऐसे में एल जे पी के चिराग़ पासवान की शराब तस्करी की बात सच है | दूसरी तरफ़ सरकार का जनाधार खिसकने वाली बात भी सच लगती है , जो बिहार में भाजपा को अच्छा मौक़ा दे सकती है | लिहाज़ा बिहार में भाजपा की सरकार इस बार बननी तय मानी जा रही है | राम मंदिर निर्माण से भी भाजपा का क़द बढ़ा है | तेजस्वी यादव को भी पहले से अच्छा गेन हो सकता है | ये भी समय – अवसर आने पर भाजपा से हाथ मिला सकते हैं | – Dr RP Srivastava, Editor-in – Chief, ‘ Bharatiya Sanvad ‘
खासमखास
मनोरम कल्पना और हृदयग्राही उपमाओं से सज्जित “प्रकृति के प्रेम पत्र”
संसार में प्रेम ही ऐसा परम तत्व है, जो जीवन का तारणहार है। यही मुक्ति और बाधाओं की गांठें खोलता है और नवजीवन का मार्ग प्रशस्त करता है। यह अलभ्य एवं अप्राप्य भी नहीं, जगत Read more…