– के . बी . सिंह
सरयू नहर परियोजना घोटाले की भेट चढी , जिसमें किसानों को न तो उनका उचित मुआवजा मिला न ही उनकाी फसल के लिए सिचाई हेतु पानी का ही संसाधन । आलम यह है कि बिना कलावा व नाली बनाये बगैर ही सरयू नहर की साफ-सफाई कार्य दिखा सम्बन्धित अधिकारियो ने शासन के द्वारा भेजे गये पैसों का ही बंदरबाट कर लिया। जबकि सरकार की सोच यह रही कि सरयू नहर परियोजना के माध्यम से किसानो को सिंचाई का एक प्रभावकारी संसाधन उपलब्ध हो। आज के बदलते परिवेश में भ्रष्ट्राचार इस कदर हावी है कि लोग किसानो का भी शोषण करने में नही हिचक रहे। इस सम्बन्ध में रग्घू बाबा समाज सेवा संस्थान नें क्षेत्र मे किसान के साथ-साथ सिंचाई विभाग द्वारा किये जा रहे शोषण के सम्बन्ध मे मंडलायुक्त देवी पाटन मंडल गोंडा व अधिशासी अभियंता गोंडा को पत्र देकर कई बार अवगत कराया |

इसके बावूजूद भी अधिकारी द्वारा किसानो की समस्याओ का समाधन नही हो सका , जिससे क्षेत्र के किसानो में त्राहिमाम मचा हुआ। क्षेत्र के गरीब किसान भाइयों के साथ किस तरह से सिंचाई विभाग के अधिकारी अत्याचार करने पर एवं उनका शोषण करने में लगे हुए हैं। यह कितनी शर्म की बात है कि सिंचाई विभाग के अधिकारी यह जानते हुए भी कि देवी पाटन मंडल के गोंडा व बहराइच जनपद में कलावा नाली नहीं है ? तो किसान कैसे करे अपने फसलों की सिंचाई ? लेकिन कोई भी जिम्मेदार अधिकारी किसानों की इस समस्या पर आवश्यक कदम उठाने को तैयार नहीं है ? न ही किसानों को उचित मुआवजा दिया जा रहा ? न ही किसानो के खेत सींचने के लिए पानी उपलब्ध करा रहा। आखिर हो भी कैसे जब सरयू नहर परियोजना के तहत बने नहरो मे न तो कलावा है न ही नाली। ऐसे में शासन द्वारा सरयू नहर परियोजना के साफ-सफाई के लिए भेजे गये पैसे आखिर कहां गये ? ऐसे में सम्बन्धित विभाग की संम्पूर्ण भूमिका ही संदेह उत्पन्न कर रहा ? इस सम्बन्ध में क्षेत्र की जनता यह आरोप लगा रही कि अधिकारियो नें सरयू नहर परियोजना के तहत मिले पैसो का कही आपस में कागजी खाना पूर्ति कर बंदरबांट तो नही कर लिया ? प्रश्न यह उठता है कि किसानो की इस सम्स्या का समाधन व जबाब जिम्मेदार कब देगें ? यह यक्ष प्रश्न किसानो में बना हुआ है |

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