प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नसीहत के बाद भी देश के विभिन्न भागों से गोरक्षा व गोमांस आदि की आड़ में मुसलमानों को मारने – पीटने और प्रताड़ित करने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं , जिन पर केवल , अफ़सोस , निंदा – भर्त्सना आदि का इज़हार काफ़ी नहीं है , अपितु इससे आगे बढ़कर ऐसी घटनाओं पर तत्काल रोक लगाने की ज़रूरत है | अब तक दो दर्जन से अधिक लोगों को भीड़ द्वारा पीट – पीट कर मारने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं | सरकार को ख़ुद इस ओर गंभीर होना पड़ेगा | उसे समझना होगा कि जब प्रधानमंत्री के मन्तव्य को समझने में ऐसी भूल की जाएगी , तो अन्य समस्याओं का स्वतः आना तय है | और फिर संभावित समस्याओं की गुरुता का भी पूर्वाभास कर लेना चाहिए | प्रताड़ना का अंत कब होगा , अब एक बड़ा प्रश्न बन गया है |

अगर इन हरकतों पर शीघ्र रोक नहीं लगी , तो विभन्न आशंकाएं भी बलवती होंगी , जिनमें यह भी कि क्या यह सब पूर्व नियोजित तो नहीं ? अभी ताज़ा मामला भी ऐसा ही आया है | गत 12 जुलाई 17 को नागपुर से खबर मिली कि गोरक्षकों ने गोमांस ले जाने के शक में एक मुस्लिम युवक को बुरी तरह से पीट दिया | मुस्लिम युवक सलीम इस्माईल शेख़ कटोल तहसील का भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा का अध्यक्ष है |

पीड़ित शख्स सफाई देता रहा, लेकिन गोरक्षकों ने उसकी एक न सुनी | गनीमत रही कि पुलिस समय रहते वहां पहुंच गई और वह भी हरकत में आ गयी | पुलिस ने युवक की जान बचाई और इस मामले में चार लोगों को हिरासत में लिया | फिलहाल युवक बुरी तरह से जख्मी है. इलाज के लिए उसे अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है | कुछ ही दिन पहले 22 जून को जुनैद नामक युवक की दिल्ली से हरियाणा जा रही ट्रेन में वल्लभगढ़ में हत्या कर दी गई थी | इस सिलसिले में पांच लोग गिरफ्तार किये गये हैं | जुनैद को चाक़ू मारनेवाला शख्स नरेश भी गिरफ्तार होनेवालों में शामिल है | आजकल देश में सांप्रदायिकता , फासीवाद और असहिष्णुता कितनी बढ़ चुकी है , इस चाक़ूमार शख्स द्वारा पुलिस को दिए गए बयान के इस अंश से सुगमतापूर्वक समझा जा सकता है |

उसने कहा , ” मैं नेशनल कृषि म्यूजियम में गार्ड की नौकरी करता हूं | 22 जून को ड्यूटी खत्म होने के बाद मैं दिल्ली के शिवाजी ब्रिज से मथुरा के लिए सवार हुआ | ट्रेन में तीन-चार मुस्लिम लड़के टोपी पहने हुए थे | जब गाड़ी ओखला स्टेशन पर रुकी तो एक अधेड़ उम्र का आदमी भी इसी डिब्बे में आया और मुस्लिम लड़कों से सीट देने के बारे में कहा | उनमें से एक लड़का जो खड़ा था, वह नहीं हटा, तो अधेड़ व्यक्ति ने ‘ मुल्ले ‘ कहकर दो थप्पड़ लगा दिए | इससे मुस्लिम लड़के अकड़ गए | मुझे भी मुसलमान लडकों पर गुस्सा आ गया और मैंने , उस अधेड़ उम्र के व्यक्ति और कुछ अन्य यात्रियों ने मिलकर उन मुस्लिम लड़कों को उनके धर्म के प्रति काफी अपशब्द कहकर उनको बुरी तरह मारा-पीटा |” यह कितना दुखद और अफ़सोसनाक है कि धार्मिक आधार पर लोगों को मौत के घाट उतारा जा रहा है | हरियाणा में ही चंद रोज़ पहले एक मस्जिद के इमाम के साथ पसंदीदा बोल न कहने पर मारपीट की गई |

‘ इंडियन एक्सप्रेस ‘ और ‘ जनसत्ता ‘ की रिपोर्टों के अनुसार , बीते 11 जुलाई को को हिसार की एक मस्जिद के 30 वर्षीय इमाम मुहम्मद हारून कासनी की बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा पिटाई का वीडियो मीडिया में छाया रहा। हारून ने ‘इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया कि ”मैं हमलावरों को लगातार यह समझाते रहा कि मै आतंकवादियों का विरोधी हूँ और देश के गद्दारों के खिलाफ हूं , लेकिन उन्होंने मेरी नहीं सुनी और मस्जिद से बाहर घसीट कर मुझे थप्पड़ मारे।”

हारून उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के रहने वाले हैं। वे हिसार पहली बार आए थे।11 जुलाई को शाम साढ़े पांच बजे के करीब वे स्थानीय जामा मस्जिद में नमाज पढ़ने गए थे। वहीं बजरंग दल के कथित कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला किया। पुलिस के अनुसार ,कपिल वत्स नामक शख्स के नेतृत्व में अमरनाथ यात्रियों पर हमले के विरोध में निकाले जा रहे रैली के दौरान यह घटना हुई। हिसार के पुलिस एसपी मनीष चौधरी ने बताया कि वीडियो में दिख रहे एक आरोपी अनिल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अनिल की स्थानीय ऑटो मार्केट में दुकान है। 30 वर्षीय अनिल विरोध प्रदर्शन में शामिल था।

पुलिस के अनुसार पूछताछ में उसने हारून की पिटाई की बात स्वीकार की है। अनिल के अनुसार , हारून ने “भारत माता की जय” कहने से इन्कार किया तो उसने उनकी पिटाई कर दी। एसपी चौधरी के अनुसार अनिल बजरंग दल का कार्यकर्ता है या नहीं अभी इसकी पुष्टि की जानी है। हारून ने बताया, “बजरंग दल वाले मुझे घसीट कर बाहर ले गए और मुझसे जय श्री राम और जय माता की जैसे नारे लगाने के लिए कहने लगे। ये मेरे मजहबी यकीन का मुद्दा था। मैं डरा हुआ था और चुपचाप खड़ा था। उन्हें मुझे लगातार थप्पड़ मारे।” हारून के अनुसार वे मौलवी हैं और हिसार आम बेचने आए थे। हारून के अनुसार घटना के वक्त मस्जिद में चार और लोग नमाज पढ़ रहे थे। हारून के अनुसार हमलावरों ने दाढ़ी और टोपी के कारण उन्हें मारपीट के लिए चुना। हारून कहते हैं कि “अगर पुलिस वक्त पर नहीं आती तो मेरी जान चली जाती।”

उल्लेखनीय है कि ये सारी निंदनीय घटनाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 29 जून की नसीहत के बाद लगातार सामने आ रही हैं | उन्होंने गाय बचाने के नाम पर हो रही हत्या की कड़ी निंदा करते हुए इसे स्वीकार नहीं करने की बात की थी | गुजरात के साबरमती में प्रधानमंत्री मोदी ने गोभक्ति के नाम पर हो रही हत्याओं पर कहा था , “समाज में हिंसा की कोई जगह नहीं है |” “हम कैसे लोग हैं गाय के नाम पर इन्सान को मारते हैं |” प्रधानमंत्री ने पूछा, “क्या किसी इन्सान को मारने का हक़ मिल जाता है, क्या ये गोरक्षा है?” उन्होंने साफ़ – साफ़ कहा था कि “गोभक्ति के नाम पर हो रही हत्याएं स्वीकार्य नहीं है | ये ऐसी चीज़ नहीं है जिससे महात्मा गांधी सहमत होते |” यह उल्लेख्य है कि जब प्रधानमंत्री इस बात की नसीहत कर रहे थे , लगभग उसी वक्त झारखंड में एक मुस्लिम युवक की हत्या भीड़ ने कर दी थी | यह वाकिया रांची से सटे रामगढ़ का है, जहां मांस ले जा रहे अलीमुद्दीन नामक एक युवक को भीड़ ने पीट-पीट कर हत्या कर दी गई | इस घटना के बाद इलाक़े में लंबे समय तक तनाव रहा |.

एक चश्मदीद ने बताया कि भीड़ में शामिल लोग हल्ला कर रहे थे कि उनकी कार में गाय का मांस है | इसके बाद वहां लोगों की संख्या बढ़ती चली गई | सबने उनकी गाड़ी को घेर लिया और नीचे उतारकर मारने लगे. इस दौरान कुछ लोगों ने पेट्रोल छिड़क कर उनकी गाड़ी में आग लगा दी | इसकी सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने अलीमुद्दीन को भीड़ से बचाया, लेकिन कुछ ही घंटे बाद रांची के एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई | एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मांस के सैंपल एफएसएल लैब में जांच के लिए भेजे जाएंगे | इसके बाद ही यह बता पाना संभव होगा कि मांस किस जानवर का था ? इस घटना से महज एक दिन पहले ही गिरिडीह ज़िले में मरी गाय को लेकर हुई हिंसा में भीड़ ने एक मुस्लिम बुज़ुर्ग को मारने के बाद घर में आग लगा दी थी | मेवात के पहलू खान की अलवर में कथित गोरक्षकों द्वारा इसी वर्ष अप्रैल के आरंभ में हत्या कर दी गई थी | गोरक्षा के नाम पर उन्मादी भीड़ द्वारा कानून को हाथ में लेने की प्रवृत्ति निश्चय ही आत्मघाती है | इस पर हर हाल में रोक लगनी चाहिए | – Dr RP Srivastava

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