दुनिया एक बार फिर विश्व युद्ध की तरफ़ बढ़ रही है | चीन समर्थित उत्तर कोरिया ऐसी स्थिति पैदा करना चाहता है | उत्तर कोरिया भी चीन जैसा नास्तिक देश है | जबकि यह खुली हुई हक़ीक़त है कि ईश्वर की सत्ता का इन्कार बहुतेरी मुसीबतों एवं समस्याओं का वाहक है | उत्तर कोरिया बार – बार अमेरिका और जापान को न केवल चेतावनी बल्कि अमली भड़कावे की कार्रवाई करके विश्व शांति को भंग करने की नापाक कोशिश कर रहा है | उत्तर कोरिया ने पिछले दिनों जापान पर बैलिस्टिक मिसाइल दागी , जिस पर जापान ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई | अमेरिकी युद्धक विमान भी उत्तर कोरिया पर उड़े | उत्तर कोरिया की मिसाइल जापान के ऊपर से गुजरी और प्रशांत महासागर में जा गिरी , हालांकि इस मिसाइल से किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं मिली है , लेकिन क्षेत्र में तनाव ज़रूर बढ़ गया है | दक्षिण कोरिया और जापान ने इसकी जानकारी दी है। जापान ने उत्तर कोरिया की इस हरकत को उकसाने की साजिश करार दिया है। जापान ने कहा है कि अब उत्तर कोरिया को सबक सिखाने का वक्त अा गया है । उत्तर कोरिया लगातार जापान और अमेरिका पर हमले की धमकियां दे रहा है।
उत्तर कोरिया के एशिया-प्रशांत शांति समिति के एक प्रवक्ता ने देश की आत्मनिर्भरता के दर्शन की व्याख्या करते हुए कहा कि जापान के चारों द्वीप समूहों को परमाणु हथियार का इस्तेमाल कर समंदर में डुबो दिया जाना चाहिए। कोरियाई प्रवक्ता ने कहा, “जापान को अब हमारे पास मौजूद होने की जरूरत नहीं है।” नई पाबंदियों से तिलमिलाए उत्तर कोरिया ने अमेरिका को भी धमकी दी है कि ” उसे अपने अपराधों के लिए हज़ार गुना क़ीमत चुकानी होगी |”
चीन ने चेताया था कि उत्तर कोरिया पर यदि कोई प्रतिबंध लगाया जाता है, तो वह कड़ी प्रतिक्रिया दे सकता है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से नए प्रतिबंध लगाने के बाद उत्तर कोरिया का यह मिसाइल परीक्षण सामने आया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 11 सितंबर को सर्वसम्मति से उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगा दिया था। गत 3 सितंबर को देश का छठा शक्तिशाली परमाणु परीक्षण को देखते हुए ऐसा किया गया है। सभी सदस्य देशों ने संयुक्त राष्ट्र की बैठक में 15-0 से वोट देकर इस संयुक्त राष्ट्र के इस कदम की ताईद की और उत्तर कोरिया के रवैये को विश्व शांति के लिए खतरा बताया |
उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद 2006 से अब तक उत्तर कोरिया के ख़िलाफ नौ प्रस्तावों को एकमत से मंजूरी दे चुकी है। इसके तहत उत्तर कोरिया भेजे जाने वाले कोयला, लीड और सीफूड पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा। उत्तर कोरिया से कपड़ों के निर्यात पर रोक को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा उत्तर कोरिया मौजूदा तय सीमा तक ही कच्चे तेल का आयात कर सकेगा। तेल पर पाबंदी के साथ ही अमेरिका ने उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग की संपत्ति की जब्त करने की मांग थी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तेल आपूर्ति में 30 फीसदी की कटौती को उत्तर कोरिया के खिलाफ छोटा कदम बताया है। उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल विकास कार्यक्रम को रोकने के लिए उन्होंने और कड़े कदम उठाए जाने की आवश्यकता जताई है।
उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि ताजा प्रतिबंध उत्तर कोरिया के आत्मरक्षा के वैधानिक अधिकार का उल्लंघन करने वाले हैं। इसका उद्देश्य पूर्णत: आर्थिक नाकेबंदी करके उत्तर कोरिया और उसके नागरिकों को बदहाल कर देना है। यहाँ सबसे बड़ा सवाल यह है कि दुनिया को तीसरे विश्व युद्ध की ओर कौन धकेल रहा है ? क्या यह सब हथियार बेचने का तिकड़म है या कुछ और ? – Dr RP Srivastava