गन्ना किसानों की व्यथा का एक नमूना , क्या कोई है सुध – खबर लेनेवाला ? चुनाव तो संपन्न हो ही चुके हैं ……………….. [ मिल सुविधा पोर्टल – किसान सूचना केंद्र से साभार प्रस्तुत ]
तुलसीपुर शुगर मिल गेट पर मिलकर्मियों की रिश्वतखोरी पर रोक लगाएं , दलालों से बचाएं
महोदय ,
मेरे अनुरोध के बावजूद टोकन / पर्ची संख्या 918450 है , जो दिनांक 1 मार्च 2017 को जारी हुई थी , दुबारा नहीं जारी की गयी , जबकि मैंने 5 मार्च 2017 को [ शिकायत संख्या 852 ] इस बाबत online अनुरोध किया था कि दुबारा पर्ची जारी की जाए | आज दिनांक 10 मार्च 17 तक पर्ची जारी की गयी और तुलसीपुर मिल से श्री विनोद [ मिल कर्मी ] और कांटे पर बैठनेवाले एक अन्य कर्मी ने मेरी गन्ने से भरी ट्राली को लौटा दिया और विवश किया कि मैं दलालों के हाथ गन्ना बेचूं |


एक तो गन्ने की पर्ची मणिपुर केंद्र [ 525 ] नहीं पहुंचाई गयी और उसे हायल करवाया गया और बार – बार कहने पर भी दुबारा पर्ची नहीं जारी की गयी ताकि मैं मिल पहुंचकर दलालों के हाथ गन्ना बेचूं !!!
श्री विनोद ने मुझसे कहा कि दुबारा पर्ची के लिए दरख्वास्त दो , तो मैंने उन्हें बताया कि ऑनलाइन दरख्वास्त दे चुका हूँ 5 मार्च 17 को ही , आज पांच दिन बाद भी आप पर्ची नहीं दे रहे हैं | इस पर मिल कर्मी श्री विनोद ने कहा कि जब तक खिलाई – पिलाई नहीं करोगे , पर्ची नहीं मिलेगी | कुछ ऐसी ही बात कांटे के बाबु ने कही | आज सुबह लगभग पांच बजे से लगभग पूर्वाह्न 11 बजे तक मिलकर्मियों से बात होती रही , लेकिन मेरे पास उन्हें रिश्वत देने के पैसे नहीं थे , इसलिए उन्होंने मेरी पर्ची renew नहीं की और मुझे दलालों के हाथ गन्ना बेचने के लिए विवश किया | मुझे लगता है कि उक्त मिलकर्मियों के दोनों हाथों में लड्डू हैं | वे खुद रिश्वत खाते हैं और दलालों से भी कमीशन लेते हैं |
आपसे अनुरोध है कि आप व्यवस्था सुधारें , भ्रष्टाचार पर लगाम लगायें , गन्ना किसानों को सच में सुविधा प्रदान करें एवं सुविधा पोर्टल पर दर्ज शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करें …धन्यवाद
राम पाल श्रीवास्तव
समिति 51 , केंद्र मणिपुर 525 , ग्राम – सहिजना [1821] , कृषक कोड 400 [ बलरामपुर , उ . प्र . ]
मोबाइल 7081462885

 

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