[ हमारे न्यूज़ डेस्क से ]
क्या गाँवों के विकास के लिए क्रियान्वित ढेर सारी सरकारी योजनाओं व कार्यक्रमों के आडिट एवं जाँच की कोई व्यवस्था है ? या बिना किसी जाँच और व्यावहारिक रूप में बिना किसी कार्य के पेमेंट भी करवा लिया जाता है ? हाँ , यह बिलकुल सच है | ग्राम पंचायत अधिकारी , ग्राम विकास अधिकारी , ग्राम पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान की मिलीभगत से इस बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है | जनधन की लूट जारी है |
बलरामपुर के हर्रैया सतघरवा ब्लाक के सहिजना ग्राम पंचायत में ऐसा ही हो रहा है | बिना काम कराए केवल कागज़ी खानापूरी करके लाखों रुपए हड़प लिए गए हैं | जब इस संवाददाता ने सहिजना ग्राम पंचायत की Panchayat Activity Report 2017 – 2018 और 2016- 2017 में वर्णित कुछ तथ्यों की ज़मीनी हक़ीक़त का जायज़ा लिया , तो पता चला ऐसे बहुत से काम हैं , जो किए ही नहीं गए और लाखों रुपए उठा लिए गए | ऐसा भी हुआ है कि पुराने कामों यहाँ तक कि विधायक फंड और पूर्व ग्राम प्रधान द्वारा करवाए गए कामों को अपने द्वारा करवाने का उल्लेख करके बड़ी धनराशि डकार ली गई | साथ ही एक ही कार्य का दोनों वित्त वर्षों में उल्लेख कर रक़म डकारने का आरोप है |
विगत दोनों वित्तीय वर्षों में ग्राम मैनडीह में विकास का कोई कार्य नहीं कराया गया , जिससे गाँव के लोगों में आक्रोश है | उल्लेखनीय है कि इस गाँव में दशकों से विकास का कोई काम नहीं हुआ है | अन्य गाँवों में ज़मीनी स्तर पर विकास के जो थोड़े से काम हुए हैं , उनमें से अधिकतर पहले के काम हैं |
इस ग्राम पंचायत में मौके पर पहुंचने पर भ्रष्टाचार का ऐसा रूप देखने को मिला , जो बहुत आश्चर्यजनक – चिंताजनक होने के साथ बहुत ही वीभत्स है | काम करवाने की लंबी सूची है , लेकिन काम एक तरह से नदारद हैं | वित्तीय वर्ष 2017- 2018 के पूरा होने में अभी लगभग तीन माह बाक़ी हैं अर्थात कार्य – संपन्नता सूची अभी और बढ़ सकती है | इस रिपोर्ट के लिखने के समय तक की इस वित्तीय वर्ष की रिपोर्ट में बताया गया है कि ” KOOP MARAMMAT KARAYA 8 ADAD ” | इस कार्य पर चार लाख 80 हजार रुपए व्यय दिखाया गया है , लेकिन पूरे पंचायत क्षेत्र में किसी भी कुएं की मरम्मत नहीं करायी गई है | मैनडीह गाँव में प्राचीन शिव मन्दिर के निकट का कुआं इतनी जीर्ण अवस्था में है कि दिखाई ही नहीं पड़ता | यहाँ कभी भी दुर्घटना हो सकती है | मनुष्य , पशु कभी भी इसमें गिर सकते हैं |
कार्य संपन्नता रिपोर्ट में 20 अदद हैंड पंप मरम्मत कराने की बात कही गई है , जिस पर चार लाख आठ हजार रुपए खर्च होना बताया गया है | जबकि सच्चाई यह है कि किसी हैंड पंप की मरम्मत नहीं कराई गई है | बेलवादम्मार के ग्रामीणों ने बताया कि कुछ साल पहले जो तीन – चार हैंड पंप लगे थे , वे भी मरम्मत के अभाव में बहुत समय पहले पानी देना बंद कर चुके हैं | वर्तमान में पूरे पंचायत में केवल छह – सात हैंड पंप ही चालू हालत में हैं | ग्राम मैनडीह में जो दो हैंडपंप लगभग छह – सात वर्ष पूर्व लगवाए गए थे , उनमें से एक से तो कभी पानी ही नहीं निकला | ग्रामीणों का आरोप है कि पुरवे पर लगा यह हैंडपंप केवल दिखावा मात्र था , केवल ज़मीन में थोड़ा – सा पाइप धंसा दिया गया था | दूसरा हैंडपंप कुछ ही महीने में खराब हो गया , जिसकी मरम्मत पिछले कई वर्षों से नहीं कराई गई है | 201 7 – 18 की रिपोर्ट में कहा गया है कि मैनडीह में राजेश्वरी के घर से दक्षिण पुलिया तक नाली निर्माण किया गया , जिस पर दो लाख 80 हजार रुपए खर्च हुए | यह तथ्य भी पूरी तरह गलत है | यहाँ कोई निर्माण नहीं है और पहले भी कभी नाली निर्माण नहीं हुआ था | यहाँ समतल – सामान्य ज़मीन है | गाँव के राम गोविन्द और राज कुमार मिश्रा का कहना है कि मैनडीह गाँव वर्षों से उपेक्षित है | बीसों साल से यहाँ विकास कार्य हुए ही नहीं | दशकों पहले बना खडंजा बुरी तरह टूट चुका है | नाली के अभाव में गंदा पानी का जमाव घरों के निकट हो रहा है , जिससे बीमारियाँ फैलती रहती हैं | 20 15 में नवगठित ग्राम पंचायत द्वारा यहाँ अब तक कोई कार्य नहीं कराया गया है | उल्लेखनीय है कि पंचायत के 25 वर्षों तक प्रधान एवं पांच वर्षों तक सरपंच रहे स्व . बाबू उदय प्रताप लाल श्रीवास्तव के प्रयास से गाँव में बिजली आई थी और अपने पैसों से नहर से काली थान – उदय प्रतापेश्वर महादेव तक खडंजा निर्माण कराया था |
इस संवाददाता द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में पता चला कि ग्राम बेलवादम्मार में डिवहार थान तालाब से मुन्ने के घर नाली निर्माण और उस पर एक लाख 25 हजार रुपए खर्च किए जाने की जो बात सहिजना ग्राम पंचायत की 2016 – 2017 की रिपोर्ट में कही गई है , वह झूठी है | यहाँ कोई निर्माण नहीं कराया गया | इसी वित्तीय वर्ष की रिपोर्ट में है कि बेलवादम्मार में तिर्रे बढ़ई के घर से सी सी रोड तक खडंजा निर्माण किया गया और इस कार्य में 86 हजार रुपए व्यय हुए | यह तथ्य भी
सही नहीं है | ग्रामीणों ने बताया कि यह कार्य बहुत पहले का है | पूर्व ग्राम प्रधान के कार्यकाल में यह कार्य हुआ था | खडंजा अब टूटने भी लगा है | इसी तरह 2016 – 17 की कार्य संपन्नता रिपोर्ट में बेलवादम्मार में छंगी के घर से मुन्ने के घर तक नाली निर्माण और उस पर एक लाख 38 हजार रुपए खर्च की जो बात लिखी गई है , वह असत्य है | ग्रामीणों ने बताया कि यह काम बहुत पहले का है | इसी रिपोर्ट में बेलवादम्मार में महगू के खेत के पास आर सी सी पुलिया निर्माण और उस पर दो लाख तीस हजार रुपए का जो व्यय दिखाया गया है , वह गलत है | ग्रामीणों ने बताया कि यह पुलिया काफ़ी पहले बनी थी , जिसकी केवल मरम्मत कराई गई | इसी प्रकार उक्त रिपोर्ट में इस गाँव में चाँद अली के घर से गोलीबाज़ के घर तक सीसी रोड बनाने और इस काम पर 2016 – 2017 में एक लाख तीस हजार और इसी काम पर 2017 – 18 में एक लाख 65 हजार रुपए व्यय करने की जो बात लिखी गई है , वह असत्य है | ग्रामीणों के अनुसार , यह काम पूर्व ग्राम प्रधान के कार्यकाल में विधायक फंड से हुआ था , जिसका बोर्ड लगाया गया था | अब इस काम की आड़ में दो बार रक़म उठा ली गई ! इन सब काले कारनामों से ग्रामीणों में आक्रोश और नराज़गी है |
इसी तरह पी डब्ल्यू डी रोड से मस्जिद तक खडंजा निर्माण पूर्व प्रधान के कार्यकाल में संपन्न हुआ था | इसे वित्त वर्ष 20 16 – 17 का काम बताना गलत है | इस पर दो लाख साठ हजार रुपए खर्च होना बताया गया है |
इस संवाददाता को बेलवादम्मार में जोगी के खेत के पास आर सी सी पुलिया का निर्माण नहीं मिला | वहां कोई निर्माण है ही नहीं , जबकि 2017 – 18 की कार्य संपन्नता रिपोर्ट में इसका उल्लेख कर इस पर एक लाख 98 हजार रुपए खर्च होने की बात लिखी गई है | इसी गाँव में कोदई के खेत के पास आर सी सी पुलिया नहीं मिली , जिसके निर्माण की बात इस रिपोर्ट में लिखी गई है और इस कार्य पर डेढ़ लाख रुपए व्यय दिखाया गया है | इस संवाददाता को बेलवादम्मार में सहज राम के खेत के पुलिया निर्माण के कोई ‘ अवशेष ‘ नहीं मिले | कोई काम नहीं हुआ , फिर भी एक लाख 98 हजार रुपए उठा लिए गए | प्रह्लाद के खेत के पास पुलिया ज़रूर मिली , लेकिन उसकी मरम्मत के लक्षण नहीं दिखे , जिसके नाम पर चालीस हजार रुपए उठा लिए गए | बेलवादम्मार में सी सी रोड से छोटकऊ भांट के घर तक खडंजा निर्माण नहीं किया किया गया है , जबकि इस मद में दस हजार रुपए खर्च दिखाया गया है | यहाँ कई साल पहले का बना खडंजा टूटी – फूटी अवस्था में है | 2017 – 18 की रिपोर्ट में इसी गाँव में अहमद अली के घर से नहर तक नाली निर्माण की बात कही गई है और इस कार्य पर दो लाख साठ हजार रुपए का व्यय दिखाया गया है , जबकि वस्तुस्थिति यह है कि यहाँ नाली बनाई ही नहीं गई है | बेलवादम्मार में ही अभी कई ऐसे मद हैं , जिनकी जाँच शेष है |
डेरवा ग्राम के भ्रष्टाचार के कुछ नमूने देखिए – डेरवा में बहादुर अहमद के घर तक सी सी रोड निर्माण पूर्व प्रधान के कार्यकाल में संपन्न हुआ था , जिसे दिखाकर 2017 – 18 में पुनः एक लाख दस हजार रुपए उठाए गए हैं | इसी गाँव में किस्मत अली के घर से काली जी के थान तक सी सी रोड के निर्माण का जो तथ्य दिया गया है , वह निर्माण बहुत पहले का है | अब इसी नाम पर दो लाख चालीस हजार रुपए हड़प लिए गए हैं | फ़कीरडीह ,चौधरीडीह , मणिपुर के साथ ही डेरवा के अन्य विवरण यथाशीघ्र आनलाइन किए जायेंगे | ग्रामीणों ने उक्त भ्रष्टाचार को खुलेआम – दिनदहाड़े की लूट क़रार दिया है और सरकार से जाँच कराकर भ्रष्ट – दोषी जनों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की मांग की है |