[ भारतीय संवाद टीम ]

बलरामपुर ज़िले में इन दिनों पहले के मुक़ाबले अवैध बालू – खनन अचानक बढ़ गया है | नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रों से निकलनेवाले नालों से विभिन्न स्थानों से बालू माफ़िया ज़बरदस्त ढंग से दिन – रात आम तौर पर ट्रैक्टर टार्लियों में बालू भरकर अवैध कारोबार को खुलेआम अंजाम दे रहे रहे हैं | बताया जाता है कि प्रति ट्राली के हिसाब से तयशुदा रक़म, वन विभाग, पुलिस और एस एस बी तक पहुंचाई जाती है और कोर्ट व पर्यावरण विभाग के आदेशों की पामाली कर धड़ल्ले से इस काले धंधे को अंजाम दिया जाता है |

पिछले दो – तीन माह से और ख़ास कर उस समय से अवैध बालू निकासी के ग़ैर क़ानूनी धंधे में तेज़ी आयी है, जब से बलरामपुर ज़िला प्रशासन ने यह आरोप लगने के बाद कि जब बालू खनन पर रोक है, तब सरकारी स्तर पर शौचालय, आवास आदि कैसे बनाने के दावे किए जा रहे हैं, प्रशासन ने ग्राम प्रधानों को विकास कार्यों के बालू निकालने की छूट दे दी थी, जिसका प्रधान प्रायः ग़लत लाभ उठा रहे हैं |

ऐसी सूचनाएं हैं कि बलरामपुर ज़िले के तुलसीपुर, हर्रैया, ललिया और श्रावस्ती के सिरसिया थानांतर्गत अवैध बालू खनन का धंधा खुलेआम चल रहा है और प्रकृति का निर्लज्ज दोहन जारी है | जंगली क्षेत्रों जहां बालू खनन पर पूरी तरह रोक है, वहां भी रात में ट्रैक्टरों के द्वारा ट्रालियों में बालू भरकर लोगों के हाथों बेंचकर भारी कमाई की जा रही है | बताया जाता है कि कुछ प्रधान भी यह धंधा चलवा रहे हैं | पकड़े जाने पर सरकारी बालू बता दिया जाता है | सीडीओ कृतिका ज्योत्सना ने कुछ प्रधान साथियों के रात में बालू लेकर निकलने की बात पर नाराज़गी व्यक्त की है। उन्होंने इसे तत्काल बंद करने की बात कही थी, लेकिन उनकी हिदायत पूरी तरह बेअसर है | सीडीओ ने पिछले दिनों कहा था कि प्रधान बालू दिन – दिन में लेकर निकलें। मगर ऐसा नहीं हो रहा है और यह भी सच है कि बालू चोरों के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई भी नहीं की जा रही है |

 

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