[ हमारे न्यूज़ डेस्क से ]

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों , दावों और आकांक्षाओं पर किस प्रकार पानी फेरने का काम खुलेआम  किया जा रहा है , इसे देखने के लिए उत्तर प्रदेश की ग्राम पंचायतों के कथित विकास – कार्य को जरूर देखना चाहिए | पिछले दिनों हमने बलरामपुर जनपद के हर्रैया सतघरवा ब्लाक के सहिजना ग्राम पंचायत के कुछ गाँवों का उदाहरण देते हुए फर्जी – कागज़ी विकासकार्य का उल्लेख किया था और लाखों रुपए के जनधन की लूट का पर्दाफाश किया था | इसी क्रम में उक्त ब्लाक के टेंगनवार ग्राम पंचायत के कथित विकास की जब पड़ताल की गई , तो भ्रष्टाचार की गंगा बहती हुई मिली | जिन विकास – कार्यों को करवाने का दावा ग्राम पंचायत अधिकारी , ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम प्रधान द्वारा विगत दो वर्षों में किया गया , उनमें से अधिकतर काम करवाए ही नहीं गए और फर्जी तौर पर कागजों की खानापूरी करके लाखों रुपए डकार लिए गए ! ऐसा भी हुआ कि कहीं वर्षों पहले कराए गए कामों को अपने द्वारा हाल में  करवाया दिखाकर धनराशि उठाई गई | ऐसा भी हुआ कि एक ही कार्य का उल्लेख पिछले दो वित्तीय वर्षों में बार – बार करके बड़ी रक़म डकारी गई |

पिछले 9 दिसंबर 2017 को आनन्द [ गुजरात ] में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र  मोदी ने कहा था कि भ्रष्टाचार ने राजीव गाँधी के समय ही पूरे देश में जड़ें जमा ली थीं | राजीव गाँधी ने खुद कहा था कि मैं दिल्ली से एक रुपये भेजता हूँ , तो गाँव में सिर्फ 15 पैसे पहुँचते हैं | प्रधानमंत्री ने कहा कि राजीव गाँधी के बाद भी दशकों तक देश में कांग्रेस की सरकार रही , लेकिन वह राजीव गाँधी की बतायी बीमारी नहीं दूर कर पायी , लेकिन मैंने कुर्सी सँभालते ही यह बीमारी दूर कर दी | अब मैं दिल्ली से एक रूपया भेजता हूँ तो गाँव में पूरे एक रुपये पहुँचते हैं |

क्या प्रधानमंत्री को नहीं पता कि कहीं – कहीं अब स्थिति इतनी गई – गुजरी है कि दिल्ली से भेजा गया एक रुपया गाँवों तक पहुंचते – पहुंचते लगभग शून्य हो जाता है ! सिर्फ कागजों पर विकास के सब्जबाग दिखाकर लाखों – करोड़ों रुपए हड़प लिए जाते हैं और गाँव के गाँव अपनी दशकों पुरानी दुर्दशा और फटेहाली का रोना रोते रह जाते हैं | जब इस संवाददाता ने टेंगनवार  ग्राम पंचायत की Panchayat Activity Report 2017 – 2018 और 2016- 2017 में वर्णित कुछ तथ्यों की ज़मीनी हक़ीक़त का जायज़ा लिया , तो पता चला ऐसे बहुत से काम हैं , जो किए ही नहीं गए और लाखों रुपए उठा लिए गए |

मिसाल के तौर पर , वित्त वर्ष 2017 – 2018 की अक्टूबर माह तक तक की रिपोर्ट में खवासपुरवा में पक्की रोड के आगे से जुड़वा नाले तक खडंजा निर्माण कार्य दिखाया गया है , जबकि मौक़े पर कोई निर्माण नहीं है ! इस काम पर डेढ़ लाख रुपए का व्यय दिखाया गया है | मजे की बात तो यह है कि विगत वित्तीय वर्ष 2016 – 17 में इसी काम का उल्लेख करके ढाई लाख रुपए हड़पे जा चुके हैं |

ग्रामीणों ने बताया कि छोटकी टेंगनवार में राम धीरज के घर से नहर तक खडंजा निर्माण नहीं किया गया है , जबकि वित्त वर्ष 2017 – 18 में इस कार्य की संपन्नता दिखाकर डेढ़ लाख रुपए हड़पे गए | इसी प्रकार छोटकी टेंगनवार में राम सहाय के घर से नहर तक खडंजे का निर्माण नहीं किया गया है , जबकि यह मद दिखाकर एक लाख साठ हजार रुपए उठा लिए गए हैं | इसी गाँव में सीताराम के घर से संतराम के खेत तक नाली निर्माण की बात रिपोर्ट में कही गई है और इस काम पर पूरे एक लाख रुपए का खर्च दिखाया है , जबकि सच्चाई यह है कि यह काम अमलन करवाया ही नहीं गया है |

2017 – 18 की रिपोर्ट में छोटकी टेंगनवार में मदन के घर से गोजई के घर तक आर सी सी रोड के निर्माण की बात लिखी गई है और डेढ़ लाख रुपए का खर्च दिखाया गया है , जबकि पूर्व वित्त वर्ष में भी इसी काम  का उल्लेख करके दो लाख रुपए उठाए जा चुके थे | इसी प्रकार इसी गाँव के कर्ताराम के घर से तुलाराम के घर तक आर सी सी रोड निर्माण की बात कही गई है और इस पर डेढ़ लाख रुपए का व्यय दिखाया गया है | जबकि विगत वित्त वर्ष 2016 – 17 में भी इसी काम का उल्लेख करके ढाई लाख रुपए हड़पे गए | ऐसे ही चालू वित्त वर्ष में बड़की टेंगनवार में हरि प्रसाद के घर से जोखू के घर तक खडंजा निर्माण की झूठी बात कही गई है और फर्जी दस्तावेजों के सहारे डेढ़ लाख रुपए का चूना लगाया गया है | मजे की बात भी है कि भ्रष्टाचारियों ने पिछले वित्त वर्ष में भी इसी काम का उल्लेख कर दो लाख 94 हजार रुपए डकार लिए | काम सिरे से हुआ ही नहीं !

इसी तरह खवासपुरवा में 2017 – 18 में PWD रोड से जोखू के कुएं तक खडंजा निर्माण – कार्य दिखाया गया है और इस पर डेढ़ लाख रुपए का व्यय बताया गया है , जबकि वास्तविकता यह है कि यहाँ खडंजा निर्माण कार्य कराया ही नहीं गया है | साथ ही विडंबना यह भी है कि विगत वित्त वर्ष में इसी काम का उल्लेख करके दो लाख 63 हजार भी डकार लिए गए ! इसी तर्ज़ पर दो लाख 63 हजार रुपए का खर्च जोखू के घर से अमरिका के घर तक कथित खडंजा निर्माण के मद में पिछले साल दिखाया गया | इसी मद में चालू वर्ष में डेढ़ लाख रुपए पुनः उठाए गए |

ग्रामीणों ने बताया कि छोटकी टेंगनवार में बड़कऊ के खेत के पास पुलिया का निर्माण नहीं कराया गया है , जबकि चालू वित्त वर्ष में इसके नाम पर एक लाख बीस हजार रुपए ऐंठ लिए गए ! इसी साल इतनी रक़म पोपलादी के घर से बुद्धू मौर्या के घर तक खडंजा बिछाने के नाम डकार ली गई , जबकि काम हुआ ही नहीं | सहिबे के घर से अम्ररिका के कुओं तक नाली भी नहीं बनी , जबकि इस पर पचास हज़ार का व्यय दिखा दिया गया | बताया जाता है कि टेंगनवार के स्कूल में बच्चों का झूला नहीं आया , जबकि इसके लिए पचास हजार रुपए उठाए गए | साथ ही स्कूल में किचन शेड भी नहीं बना , फिर भी एक लाख रु . का खर्च दिखाया गया | चालू वर्ष में न तो इंडिया मार्का हैंड पंप लगा , न ही स्ट्रीट लाइट लगी और न ही सोलर लाइट , परन्तु इन सबके नाम पर दो लाख 15 हजार रुपए हड़प लिए गए | 65 हजार रुपए स्ट्रीट लाइट पर खर्च दिखाए , मगर एक बल्ब भी नहीं लग सका | इसी तरह कब्रिस्तान के चारों तरफ तार व बैठने की व्यवस्था के नाम पर 25 हजार रु दिखाए गए , लेकिन अमलन कोई काम हुआ ही नहीं ! इन कथित कामों के अलावा ऐसे बहुत से ऐसे काम हैं , जो अमलन हुए ही नहीं , फिर भी लाखों रुपयों का भुगतान हो गया | इन पर भी भविष्य में प्रकाश डालने का प्रयास किया जाएगा | ग्रामीणों ने उक्त भ्रष्टाचार को खुलेआम – दिनदहाड़े की लूट क़रार दिया है और सरकार से जाँच कराकर भ्रष्ट – दोषी जनों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की मांग की है |

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