उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना में ग्राम प्रधानों द्वारा प्रति लाभार्थी दस हजार रुपए रिश्वत के तौर पर वसूली की ख़बरें पिछले दिनों सामने आई थीं | इन पर कुछ जिलाधिकारियों द्वारा संज्ञान लिया गया था | अब ऐसी ख़बरें मिल रही है कि ग्राम प्रधान लाभार्थियों को विवश कर रहे हैं कि वे   आवास योजना तहत बैंक में आई धनराशि को उनके पास जमा कराएं | साथ ही वे सिर्फ उन्हीं दूकानदार / दूकानदारों से निर्माण सामग्री लें , जिनके लिए वे आदेश दें | आरोप है कि कमीशन खाने के लिए ही ऐसा किया जाता है और सामान्य दर से अधिक भुगतान कराया जाता है | भुगतान ग्राम प्रधान करवाता / करवाती है |

बताते हैं कि बलरामपुर के हर्रैया सतघरवा ब्लाक अंतर्गत सहिजना ग्राम सभा की प्रधान द्वारा अवैध कमाई के कई द्वार खोल रखे गए हैं | यहाँ महिला सशक्तिकरण का मज़ाक़ उड़ाया जा रहा है और ग्राम प्रधान के देवर द्वारा शुरू से ही सारे काम अंजाम दिए जा रहे हैं | लाभार्थियों से योजना की सारी धनराशि ले ली जा रही है और मणिपुर स्थित दूकानदार [ छोटकऊ ] से सीमेंट . सरिया आदि ऊँची क़ीमत पर लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है |

बताया जाता है कि जब कुछ ग्रामीणों ने आवास योजना के सारे पैसे ग्राम प्रधान के पास जमा कराने का विरोध किया , तो यह जवाब दिया गया कि आवास बनना सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया जा रहा है | ग्रामीणों का कहना है कि जब हमें अपने बैंक से पैसे निकालकर ग्राम प्रधान को देना था , तो सरकार ने उनके बैंक एकाउंट में पैसे क्यों दिए ? सीधे ग्राम प्रधान के बैंक एकाउंट में क्यों नहीं डाल दिए ? दूसरी ओर यह आरोप भी लगाया जा रहा है कि विकास कार्य के जिस मद के लिए धनराशि उठाई गई , उनमें से अधिकतर कार्य हुए ही नहीं | इसे नहीं सुनिशिचित किया जा रहा है | [ हमारे संवाददाता से ]

 

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