तुलसीपुर शुगर कंपनी के मणिपुर तौल केन्द्र पर मिल कर्मचारियों की अकर्मण्यता और भ्रष्टता के चलते गन्ना किसानों को दिन – प्रतिदिन दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है | अभद्र व्यवहार , गन्ना सर्वे में अनियमितता , पर्ची वितरण में पक्षपात और घटतौली आदि की शिकायत आम होने से गन्ना किसान गन्ने की खेती करने से मुंह मोड़ने लगे हैं |
किसानों को गन्ने की सप्लाई के लिए पर्ची का मिलना भी दूभर है | गन्ना किसानों का आरोप है कि एक ओर खेतों में लगे गन्ने के सर्वे में लापरवाही और मनमानी की जाती है , यहाँ तक कि रिश्वत न देनेवाले के गन्ने का सर्वे किया ही नहीं जाता , वही दूसरी ओर पर्चियों को तुलसीपुर मिल से आने के बाद या तो गन्ना किसानों को दिया नहीं जाता या जान – बूझ कर दबा दिया जाता है और ‘ हायल ‘ हो जाने पर पर्ची दोबारा नहीं दी जाती है | यह् सब इसलिए किया जाता है कि उन्हें चाय – पानी यानी रिश्वत के तौर पर कुछ दिया जाए | आरोप है कि जो गन्ना किसान ‘ दक्षिणा ‘ नहीं देता , उसे पर्ची नहीं दी जाती है |
पिछले दिनों 2 जनवरी 2018 को मणिपुर केंद्र के सहिजना ग्राम के निवासी राम पाल की ट्राली की पर्ची [ स० टिकट क्रम संख्या 952591] जारी हुई , लेकिन लगभग तीन हफ्ते तक बार – बार मिलकर्मियों से गुहार और मणिपुर गन्ना क्रय केन्द्र का चक्कर लगाने के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकल सका | मिल के गन्ना विकास अधिकारी अशोक दीक्षित ने बार – बार यह आश्वासन दिया कि ”आपका पर्ची का आवेदन पत्र मिल को भेज दिया गया है | जल्द ही आपकी पर्ची आ जाएगी , किन्तु 25 दिन बीत जाने के बावजूद भी पर्ची नहीं आई !”
भविष्य में गन्ने की खेती न करने की बात करनेवाले गन्ना किसान राम पाल ने बताया कि पिछले वर्ष भी उनकी पर्ची [ 918450 ] 23 मार्च 2017 को जारी हुई थी , मगर मिल कर्मियों ने उन्हें नहीं दी , क्योंकि उन्होंने मिल के Online Portal पर शिकायत कर दी थी | ‘हायल ‘ पर्ची को दोबारा जारी करने के अनुरोध पर भी कोई ध्यान नहीं दिया गया | उल्लेखनीय है कि ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक मनोज कुमार साहू द्वारा ” निस्तारित ” का ” रिमार्क ” लगा दिया , मगर व्यावहारिक रूप में शिकायत को निस्तारित नहीं किया गया | उक्त गन्ना किसान ने आरोप लगाया कि उनका पिछले साल के लगे लगभग तीन बीघे गन्ने का इस साल अब तक सर्वे ही नहीं कराया गया , जबकि बार – बार स्थानीय गन्ना विकास अधिकारी से इस बाबत गुज़ारिश की गई और Portal पर शिकायत भी दर्ज की गई | अब गन्ने की पैड़ी लगी है , जो जल्द ही खत्म हो जाएगी |
गन्ना किसान राम पाल का दावा है कि उनकी Online या Offline किसी भी शिकायत का कभी कोई निष्पादन नहीं किया गया , यहाँ तक कि मिल के दस्तावेज़ में ओने मोबाइल नंबर को बदलवाने की लिखित गुज़ारिश पर भी ध्यान नहीं दिया गया | मजे की बात यह है कि Online सभी शिकायतों को मनोज कुमार साहू द्वारा निष्पादित दिखा दिया गया ! इन सारे मामलों की जांच कर संबंधित दोषी अधिकारियों / कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए | पोर्टल पर जो शिकायतें की गयीं और जिनको संबंधित अधिकारी ने किस आधार पर ‘ निस्तारित ‘ दिखाया है, यह स्पष्ट करना चाहिए | पोर्टल पर दर्ज कराई गई शिकायतें इस प्रकार हैं –
शिकायत संख्या 676
मेरे बार – बार आपके स्थानीय अधिकारी श्री दीक्षित का ध्यान आकृष्ट कराने के बाद भी मेरे गन्ने का सर्वे कार्य अभी तक अपूर्ण है | पिछले दिनों उन्होंने स्पष्ट कह दिया कि मेरे पास सर्वे मशीन ही नहीं है | मेरा teganvar में प्लाट क्रमांक 153 और 154 में लगभग 0 . 586 हे . गन्ना लगा हुआ है , जिसका सर्वे नहीं हुआ है | अतः कलेंडर में इसके दर्ज न होने के कारण केवल दो हो ट्राली पर्ची का उल्लेख है , जबकि गन्ने की सप्लाई हेतु 4 ट्राली पर्चियों की आवश्यकता है | पिछले वर्ष मुझे 4 पर्चियां मिली थीं | आपसे अनुरोध है कि सर्वे कराकर पर्ची जारी करें
शिकायत संख्या 854
कृपया ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक श्री मनोज कुमार साहू का मोबाइल नंबर प्रदान करें , ताकि शिकायत निवारण में सुविधा हो सके …धन्यवाद
शिकायत संख्या 853
तुलसीपुर शुगर मिल गेट पर मिलकर्मियों की रिश्वतखोरी पर रोक लगाएं , दलालों से बचाएं महोदय , मेरे अनुरोध के बावजूद टोकन / पर्ची संख्या 918450 है , जो दिनांक 1 मार्च 2017 को जारी हुई थी , दुबारा नहीं जारी की गयी , जबकि मैंने 5 मार्च 2017 को [ शिकायत संख्या 852 ] इस बाबत online अनुरोध किया था कि दुबारा पर्ची जारी की जाए | आज दिनांक 10 मार्च 17 तक पर्ची जारी की गयी और तुलसीपुर मिल से श्री विनोद [ मिल कर्मी ] और कांटे पर बैठनेवाले एक अन्य कर्मी ने मेरी गन्ने से भरी ट्राली को लौटा दिया और विवश किया कि मैं दलालों के हाथ गन्ना बेचूं | एक तो गन्ने की पर्ची मणिपुर केंद्र [ 525 ] नहीं पहुंचाई गयी और उसे हायल करवाया गया और बार – बार कहने पर भी दुबारा पर्ची नहीं जारी की गयी ताकि मैं मिल पहुंचकर दलालों के हाथ गन्ना बेचूं !!! श्री विनोद ने मुझसे कहा कि दुबारा पर्ची के लिए दरख्वास्त दो , तो मैंने उन्हें बताया कि ऑनलाइन दरख्वास्त दे चुका हूँ 5 मार्च 17 को ही , आज पांच दिन बाद भी आप पर्ची नहीं दे रहे हैं | इस पर मिल कर्मी श्री विनोद ने कहा कि जब तक खिलाई – पिलाई नहीं करोगे , पर्ची नहीं मिलेगी | कुछ ऐसी ही बात कांटे के बाबू ने कही | आज सुबह लगभग पांच बजे से लगभग पूर्वाह्न 11 बजे तक मिलकर्मियों से बात होती रही , लेकिन मेरे पास उन्हें रिश्वत देने के पैसे नहीं थे , इसलिए उन्होंने मेरी पर्ची renew नहीं की और मुझे दलालों के हाथ गन्ना बेचने के लिए विवश किया | मुझे लगता है कि उक्त मिलकर्मियों के दोनों हाथों में लड्डू हैं | वे खुद रिश्वत खाते हैं और दलालों से भी कमीशन लेते हैं | आपसे अनुरोध है कि आप व्यवस्था सुधारें , भ्रष्टाचार पर लगाम लगायें , गन्ना किसानों को सच में सुविधा प्रदान करें एवं सुविधा पोर्टल पर दर्ज शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करें …धन्यवाद राम पाल श्रीवास्तव समिति 51 , केंद्र मणिपुर 525 , ग्राम – सहिजना [1821] , कृषक कोड 400 मोबाइल 7081462885
शिकायत संख्या 873
एक भी शिकायत का निराकरण नहीं हुआ …… मिल गेट पर आपके दलालों को गन्ना बेच आया …. पर्ची जारी हुई , मगर मणिपुर नहीं पहुंची … शिकायत दर्ज है , मगर नई पर्ची नहीं दी गयी ….. सब भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए हैं …कृपया सभी शिकायतों का निराकरण करें …. यह समस्या भी पढ़ लें http://www.bharatiyasanvad.com/news-views/is-there-anybody-to-take-care-of-sugar-cane-farmers
शिकायत संख्या 852
सुविधा पोर्टल पर गन्ना पर्ची के जारी होने के बाद मैंने गन्ना कटवा लिया , मगर अब तक पर्ची नहीं मिली | प्रतिदिन मणिपुर [ 525 ] केंद्र जाकर पता करने पर निराशा ही हाथ लगती है | जो पर्ची पोर्टल पर दिखती है , उसकी संख्या 918450 है , जो दिनांक 1 मार्च 2017 को जारी हुई है | कृपया पर्ची भेजवाएं ….. यदि पर्ची ” हायल ” हो गयी हो . तो पुनः जारी करें …वैसे मेरी भविष्य की मेरी किसी भी शिकायत का मिल द्वारा कभी निराकरण नहीं किया गया है चाहे सर्वे की शिकायत हो या मेरा मोबाइल नंबर बदलने की | राम पाल 7081462885
शिकायत संख्या 813
मोबाइल नंबर बदलवाने का लिखित निवेदन / अनुरोध पत्र CDO श्री दीक्षित को दे चुका हूँ ….. कई माह बीत जाने के बाद भी नंबर नहीं बदला गया है …. कृपया मोबाइल नंबर बदलें | राम पाल 7081462885
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