[ हमारे न्यूज डेस्क से ]

एस एस बी की कारगुजारियों से तराई की जनता लंबे समय से त्रस्त है | किसी न किसी बहाने ग्रामीणों को सताना उनकी कारगुजारियों में शामिल हो गया है | आरोप तो यहाँ तक लग रहे हैं कि इनसे एस एस बी के लोग भी वन विभाग व पुलिस आदि के साथ मिल कर अवैध उगाही करते है | जिस किसी विभाग के पास उगाही की रकम पहुंचती है , तो ईमानदारी के साथ बंट जाती है ! इस कारगुजारी की एक मिसाल देखिए – बलरामपुर डेट लाइन से विगत 15 जुलाई 2017 को लखनऊ से प्रकाशित ” दैनिक जागरण ” के नेट संस्करण में छपी खबर के अनुसार , ” सशस्त्र सीमा बल की नौंवीं वाहिनी की सीमा चौकी खांगरा नाका ने एक ट्रैक्टर ट्राली में लदे 50 अदद बांस के साथ एक व्यक्ति को दबोच लिया। कार्यवाहक कमांडेंट मितुल कुमार ने बताया कि वन विभाग के साथ संयुक्त गश्त के दौरान बरसैया [ भड़सैया ] के नजदीक ट्रैक्टर-ट्राली को रोककर पूछताछ की। तय सीमा से ज्यादा भार होने कारण बांस जब्त कर लिया गया। पकडे व्यक्ति की पहचान अमरीश तिवारी पुत्र राम कैलाश तिवारी, निवासी बरदौलिया बाजार थाना हरैया [ हर्रैया ] के रूप में हुई। पकड़े गए व्यक्ति व जब्त किये बांस को वन विभाग के रेंज कार्यालय बनकटवा के सुपुर्द कर दिया गया | ”

 

यहाँ सवाल यह पैदा होता है कि क्या सिर्फ 50 अदद बांस तय सीमा के भार से अधिक हो गया ? यह ग्रामीणों को परेशान करने की कारगुजारी नहीं तो और क्या है ? एस एस बी पर आये दिन ग्रामीणों को परेशान करने के आरोप लगते रहते हैं | एस एस बी को चाहिए कि वह सीमा की चौकसी व निगरानी करे , न कि ग्रामीणों के लिए मुसीबत बने |

 

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