महान संत कबीरदास जी के सुपुत्र कमाल जी की रचनाएं बड़ी मुश्किल से मिलती हैं . हाजीपुर [ बिहार ] के मेरे मित्र ऋषि कुमार जी के आग्रह पर मैंने उनकी कुछ रचनाएं प्राप्त की हैं | मैं हार्दिक रूप से आभारी हूँ परम मित्र डॉ. ज्ञान चन्द्र जी का , जिन्होंने डॉ . धनेश्वर प्रभाकर जी से ये रचनाएं प्राप्त कर मेरे पास भेजीं | इन रचनाओं में से एक शेअर जो मुझे सबसे अधिक पसंद आया , आप आदरणीय मित्रों एवं अग्रजों की सेवा में प्रस्तुत करने का लोभ – संवरण नहीं कर पा रहा हूँ ——-
खबरनामा
“त्राहिमाम युगे युगे” – एक कालजयी रचना
राम पाल श्रीवास्तव जी का उपन्यास ‘त्राहिमाम युगे युगे’ प्राप्त हुआ है। ‘त्राहिमाम युगे युगे’ एक संस्कृत वाक्यांश है। जिसका अर्थ है– “हे प्रभु, हर युग में मेरी रक्षा करो।” ‘त्राहिमाम युगे युगे’ न्यू वर्ल्ड Read more…