साहित्य
शीत लहर में मृत्यु
आज बह आए हैं आँसू तुम्हारी आँखों से हिमानी की एक – एक बूंद रिस रही है घिस रही है उम्र सरक रही है पास आने को जताने कि भ्रम अवरुद्ध हो रहा है ! थोड़ी और आँसुओं की बरसात करो इतनी कि आँचल भीग जाए डर जाए सौभाग्य से शीत Read more…