जो लोग विष्णु प्रभाकर जी पर पानी पी – पीकर यह आरोप लगाते हैं कि वे दूसरों की कद्र नहीं करते थे और अपनी सफलता तले सबको रौंदते थे, वे सभी आरोपी कुंठित हैं और हीन भावना के शिकार हैं। मैं उनको बहुत क़रीब से जानता – समझता हूं। उनको मैंने कभी ऐसा नहीं पाया। वे मुझसे उम्र में काफ़ी बड़े थे,किंतु मेरे मित्र ही रहे। संभव है, आरोपी जन उनसे कभी कनाट प्लेस के मोहन सिंह प्लेस के कॉफ़ी हाउस में खुली छत पर उनकी टेबल के गिर्द कभी कुरबत के निमित्त गए हों और उनकी हसरत पूरी न हो पाई हो।
शाम को विष्णु जी अक्सर वहां पहुंचते और धीरे – धीरे उनके प्रशंसकों की भीड़ उन्हें घेर लेती। ऐसा भी होता था कि मैं उनके साथ कभी – कभी देर तक अकेले रहता और लोग देर शाम को पधारते। जो आते , सभी के लिए विष्णु जी की तरफ से कॉफ़ी पेश होती। जो यह कहते कि रहने दीजिए, तो इसके जवाब में विष्णु जी बरमला कहते, ‘ केवलाद्यो भवति केवलादि ‘ अर्थात, अकेले खानेवाला पापी होता है (ऋग्वेद)। फिर आम तौर पर कॉफ़ी न पीने की बात कहनेवाले चुपचाप कॉफ़ी पी लेते। सदा मुस्कराना उनकी आदत थी, जो हरहाल में अच्छी थी।
प्रदीप मिश्र की 'भूख' का यथार्थ प्रतिभावान कथाकार प्रदीप मिश्र की चर्चित कहानी 'भूख ' पढ़ने का लोभ - संवरण नहीं कर सका। यह कहानी समाज की सीधी अक्कासी करती है,…
सच है कभी 'अनाम मरता नहीं ' उस समय के उदीयमान कवि / कहानीकार वीरेंद्र सिंह गूंबर मेरे यहां पधारे। दो पुस्तकें मुझे भेंट स्वरूप दीं, इस आग्रह के साथ कि इनकी…
" हम एक हैं " और रहेंगे आज देश के पहले दलित आई ए एस डॉक्टर माता प्रसाद का जन्मदिन है ... शत शत नमन।11 अक्तूबर 1925 को उनका जन्म जौनपुर, उत्तर…
शब्द श्री शब्द श्री ने दर्शन दिए मेरी श्रद्धा - भक्ति से प्रसन्न हुए कहा - मैं चाहता हूं कुछ बताऊं तुमको मैं कौन हूं ? क्या…
अवतारवाद पर विमर्श की अपार संभावनाएं “अवतारवाद” एक नई दृष्टि विधा : शोध द्वारा : राम पाल श्रीवास्तव संकल्प प्रकाशन द्वारा प्रकाशित मूल्य : 335 पृष्ट :251 समीक्षा क्रमांक : 117…
ज्ञान छिपाने की "कला" कल्याणमय नहीं ! 2008 के शुरू में ( संभवतः फरवरी में, तिथि याद नहीं ) " क़ौमी आवाज़ " ( उर्दू दैनिक ) के देहली संस्करण में अंतिम…
तोड़ दो बंधन [ कविता ] - स्वामी विवेकानंद विश्वगुरु स्वामी विवेकानंद का अमेरिका प्रवास के समय हेल परिवार से बहुत स्नेहपूर्ण संबंध रहा। हेल दंपत्ति की दो पुत्रियों - मैरी हेल और हैरियट…
विनोद अनिकेत हिन्दी कविता के देदीप्यमान – जाज्वल्यमान नक्षत्र सदृश हैं। इनकी भाषिक संरचना का जवाब नहीं ! भाषा के विशिष्ट सामर्थ्य को उजागर करने का अंदाज़ कोई कवि से सीखे। यही कविता की ख़ास Read more…
सत्य प्रकाश असीम की कविताएं अनगिनत भावों एवं रिश्तों की गहन तलाश और उनका एहतिसाब हैं। इनमें जीवन की नाना प्रकार की अनुभूत गहरी तल्ख़ियां विद्यमान हैं, जो मानव पीड़ा को सहज रूप से निरूपित Read more…
“एक मुश्किल समय में” सामने है। यह काव्य संग्रह है प्रतिभ युवा कवि उपेंद्र यादव का। इससे पहले कवि का “तुम्हारे होने से” से काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुका है। 156 पृष्ठीय ताज़ा संग्रह में Read more…