देश-देशांतर

चीन को धूल चटाएं

18 जून 2017 को भारतीय सैनिक डोकलाम पहुंचे और चीनी सेना को सड़क बनाने से रोक दिया | इसी के साथ दोनों देशों की सेनाएं आमने – सामने आ गईं | काफ़ी दिनों के बाद 28 अगस्त 17 को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पूर्व दोनों देशों ने अपनी सेनाएं पीछे Read more…

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जी एस टी में बार – बार बदलाव क्यों ?

जी एस टी कायदों में बार – बार बदलाव किया जा रहा है | गुजरात के विधानसभा चुनाव को देखते हुए जी एस टी कौंसिल की गुवाहाटी में पिछले दिनों संपन्न हुई 23 वीं बैठक में कुछ और रियायतें दी गई हैं | 177 चीज़ों पर से 28 फीसद की Read more…

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भूखे हैं तो क्या हुआ दिलवाले हैं

” असल में भारत यही है | भूखे – नंगों का देश ! जहाँ बहुसंख्यक आबादी जी – तोड़ मेहनत के बाद भी मूलभूत आवश्यकताओं तक की पूर्ति के लिए तरसती है और मुट्ठी भर ‘ बड़े ‘ लोग उनका शोषण करके विलासी जीवन जीते हुए भारत के सुपर पावर Read more…

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बढ़ती महंगाई , छूटती नौकरियां

मोदी सरकार पर यह आरोप भी लग रहा कि उसके अब तक के कार्यकाल में रोज़गार के अवसर लगातार घट रहे हैं | युवा बेरोज़गारी से त्रस्त हैं | जो सेवारत थे , उनमें से बहुतों की नौकरियां छूट गई हैं और कुछ की नौकरियों पर ख़तरे मंडरा रहे हैं | भारत की सूचीबद्ध कंपनियों के रोजगार के Read more…

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तीसरे विश्व युद्ध की पूर्व पीठिका बनाते देश , क्या यह हथियार बेचने का तिकड़म है ?

दुनिया एक बार फिर विश्व युद्ध की तरफ़ बढ़ रही है | चीन समर्थित उत्तर कोरिया ऐसी स्थिति पैदा करना चाहता है | उत्तर कोरिया भी चीन जैसा नास्तिक देश है | जबकि यह खुली हुई हक़ीक़त है कि ईश्वर की सत्ता का इन्कार बहुतेरी मुसीबतों एवं समस्याओं का वाहक Read more…

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नए भारत की पुरानी तस्वीर

70 साल पहले आज़ाद हुआ भारत अब भी गरीबी , अशिक्षा , स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों और अन्यान्य गंभीर समस्याओं का शिकार है | वर्तमान मोदी सरकार ने तीन साल से अधिक समय पूर्व देशवासियों को नये भारत का सपना दिखाया था , जिसके कारण उम्मीद यह हो चली थी कि Read more…

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दागियों को कौन बचा रहा ?

क्या हमारे देश के जनप्रतिनिधि शक्ति संपन्न हैं कि जब चाहा अपना वेतन बढ़ा लिया और जब चाहा विशेषाधिकार की दुहाई देकर अपने को जनता से अलग बताने लगे ? फिर जनता के पास उन्हें चुनकर भेजने के बाद किंचित भी अधिकार नहीं बचता | उसके अधिकार की बहाली में पूरे पांच साल लगते Read more…

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 अनाज सड़ जाए , मगर भूखों को न मिले !!!

एक तरफ़ तो देश में खाद्य सुरक्षा क़ानून लागू है , जिसके तहत भुखमरी , कुपोषण और खाद्य असुरक्षा के लिए सरकार को ज़िम्मेदार माना गया है | फिर भी देश में हर साल लाखों टन अनाज सिर्फ भंडारण के उचित प्रबंध के अभाव में बर्बाद हो जाता है | Read more…

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वंदेमातरम् जो न गाए , वैध कारण बताए

18 फरवरी 2017 को सुप्रीमकोर्ट ने वन्दे मातरम् के गायन पर न्यायिक दिशा – निर्देश जारी करने से इन्कार कर दिया था | जस्टिस दीपक मिश्रा की पीठ ने साफ़ कह दिया था कि ” संविधान में राष्ट्रीय गीत [ वंदेमातरम् ] की कोई अवधारणा नहीं है ….. संविधान के Read more…

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बदअमनी और बदहाली दोनों देश की बड़ी चुनौतियाँ

हमारा देश चौतरफ़ा समस्याओं से घिरा हुआ है | गरीबी , बेरोज़गारी , महंगाई,भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं ने अलग से आम आदमी की मुश्किलें बहुत बढ़ा दी हैं | यह भी सच है कि इन समस्याओं में अम्न , शांति और मानवता को नुक़सान पहुँचाने की समस्या सर्व प्रमुख है | Read more…

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उन्मादी भीड़ से क्या गोरक्षा संभव है ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नसीहत के बाद भी देश के विभिन्न भागों से गोरक्षा व गोमांस आदि की आड़ में मुसलमानों को मारने – पीटने और प्रताड़ित करने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं , जिन पर केवल , अफ़सोस , निंदा – भर्त्सना आदि का इज़हार काफ़ी नहीं Read more…

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मोदी की ऐतिहासिक इसराईल यात्रा सिर्फ विश्व शांति के लिए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछले दिनों की इसराईल यात्रा ने विदेश नीति के जानकारों और राजनीतिक प्रेक्षकों के लिए कई अहम सवाल छोड़े हैं , जिनमें खास यह भी है कि क्या भारत अब पंचशील और गुट निरपेक्षता की नीति पर न चल कर अपनी विशिष्ट पहचान बनाएगा ? और Read more…

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आर बी आई से टकराव देशहित में नहीं

भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकार क्षेत्र में कटौती के मक़सद से ही मौद्रिक नीति समिति [ एम पी सी ] बनाई गई थी | इससे सरकार को उम्मीद थी कि आर बी आई निरंकुश होकर निर्णय नहीं कर पाएगा | इसके बाद भी आर बी आई और मोदी सरकार के Read more…

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डायन कहकर हत्याएं थम नहीं रहीं , महिला विरोधी इस दुष्चक्र को कौन रोकेगा ?

हमारे देश में कई महिला विरोधी अन्धविश्वास फैले हुए हैं | इनमें से कुछ ऐसे हैं , जो मनमाने ढंग से उन्हें मौत के घाट उतार देते हैं | फिर भी पाखंड और अन्धविश्वास का तानाबाना बुनकर हत्यारे क़ानून से बचे रहकर नए अपराध की रूपरेखा तैयार करते हैं ! Read more…