प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार की ओर से पेट्रोल-डीज़ल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती को विभिन्न क्षेत्रों पर सकारात्मक प्रभाव डालने वाला बताया। ‘ It is always people first for us !’ प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे लिए हमेशा से लोग पहले होते हैं। उन्होंने कहा कि इसका विभिन्न क्षेत्रों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा | तेल के दाम बढ़ने का सीधा प्रभाव ट्रेनों और बसों के संचालन के साथ ही बिजली के उत्पादन लागत एवं रोज़मर्रा के इस्तेमाल की चीज़ों पर भी पड़ता है। हम देश में जितनी वस्तुओं का उपयोग करते हैं, उनमें 39000 पेट्रालियम पदार्थों पर आधारित और आश्रित हैं तथा ये हर घरों में पहुंचती हैं। जिस ब्रश, ब्लेड, साबुन , क्रीम आदि का उपयोग भारतीय करते हैं, वे सब विदेशी मुद्रा पर ही आधारित हैं , इसलिए इनको भारतीय मुद्रा के घटते दामों के प्रभावों से नहीं बचाया जा सकता । कारोबारियों का मानना है कि भारी पूंजी निकासी और महीने के अंत में आयातकों द्वारा डालर की बढ़ती मांग से रुपया टूटता जा रहा | इसे रोकने के लिए आर बी आई डॉलर की बार – बार बिकवाली करता है , जो बहुत मजबूरी का क़दम होता है | रुपये की परिवर्तनशीलता पर विचार के समय भी यह सवाल उठा था कि हमारी अर्थव्यवस्था ऐसी हो जो इस परिवर्तन को स्वीकार भी करे और मजबूत भी हो , लेकिन हुआ इसके ठीक विपरीत ! आयात और निर्यात में संतुलन एक बड़ी समस्या बनी हुई है | आयात बढ़ रहा है और इस अनुपात में निर्यात कम हो रहा है। इसका व्यापक प्रभाव अर्थव्यवस्था पर पड़ना ही है। भूमण्डलीय व्यवस्था का अभिशाप पूंजीवाद की शक्ल में हमारे सामने मौजूद है | देश के बाज़ार विदेशी वस्तुओं से पट गये हैं। हम केवल विदेशी उद्यमों में होने वाली प्रतिस्पर्धा से बड़े ही लाभान्वित हो रहे हैं , लेकिन कुल मिलाकर यह अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने वाली नहीं कही जा सकती। भूमंडलीकरण को स्वीकार करने के सवाल पर लगभग सभी राजनैतिक दल सहमत थे, लेकिन विदेशी वस्तुओं को कम करके उन आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए देश के भीतर प्रयत्न करने का साहस न तो किसी के पास था और न आज है । यह आशंका पहले से मौजूद रही है कि भूमंडलीकरण जैसे प्रयोग हमारे लिए मुश्किलों और परेशानियों का कारण बन जाएंगे | वास्तविकता यह है कि आज ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जिसमें हम अपने को आत्मनिर्भर कहकर भरपूर संतोष जता सकें। मगर कोशिश जारी है …..
_ Dr RP Srivastava, Chief Editor, Bharatiya Sanvad