भ्रष्टाचार का पुल कैसे बनता है और कैसे टूटता है , यह देखना हो तो वाराणसी जाना चाहिए ! इस प्रोजेक्ट को आगामी 31 अक्टूबर तक पूरा करना था | बीम [ गार्डर ] चढ़ाने के एलाइनमेंट के दौरान हुआ हादसा | हादसे के वक़्त पुल के नीचे जाम लगा था | बीम गिरने से लोग कुचल गए | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में गत 15 मई की शाम को कैंट रेलवे स्टेशन के समीप निर्माणाधीन लाईओवर हादसे में मृतकों की संख्या 20 से अधिक है। इस हादसे में तीन लोगों को जिंदा बचा लिया गया , जबकि 50 अन्य घायल हुए हैं। बीम के नीचे महानगर सेवा की एक बस सहित दर्जन भर वाहन दब गए। बीम के नीचे दबे वाहनों को गैस कटर से काट कर सेना और एनडीआरएफ के जवानों ने 18 शव और 30 से अधिक घायलों को बाहर निकाला। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो लगभग साढ़े पांच बजे दो बीम गिरीं। एईएन कलोनी व आसपास के लोगों ने किनारे दबे लोगों को कड़ी मुश्किलों के बाद बाहर निकाला। इसके बाद अंदर फंसे लोगों को निकालने में जुट गए। एनडीआरएफ के आने के बाद बचाव कार्य में तेज़ी आई। लगभग साढ़े सात बजे लोगों को निकाला जाना शुरू हुआ। हादसे के लगभग आधा घंटे बाद पुलिस पहुंची और तक़रीबन डेढ़ घंटे बाद राहत और बचाव कार्य शुरू हुआ। रात 10 बजे राहत कार्य का पहला चरण समाप्त हो गया। इस दौरान देरी से राहत और बचाव कार्य शुरू होने के कारण भीड़ में मौजूद लोगों ने पुलिस-प्रशासन के विरोध में कई बार नारेबाज़ी की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी देर रात वाराणसी पहुंचकर हादसे की जानकारी ली और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी किया। योगी से पहले उनके निर्देश पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने नौ बजे शहर पहुंच कर दुर्घटनास्थल का जायजा लिया। उप मुख्यमंत्री मौर्य ने उप्र सेतु निगम के चार अभियंताओं को निलंबित कर दिया है। इनमें चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर एच सी तिवारी, प्राजेक्ट मैनेजर के आर सूदन, सहायक अभियंता राजेश सिंह और अवर अभियंता लालचंद शामिल हैं। हादसे की जांच के लिए तकनीकी टीम का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस हादसे की हक़ीक़त जानने के लिए तीन सदस्यीय तकनीकी टीम का गठन किया गया है। टीम की रिपोर्ट के बाद हादसे के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। यह घटना बहुत दुखद है।मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की मदद की जा रही है। अभी हाल के दिनों में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने यहां का दौरा किया था और इस पुल का निर्माण कार्य जल्द पूरा करने का आदेश भी दिया था। उत्तर प्रदेश सेतु निगम के अंतर्गत 7741.47 लाख की लागत से बन रहे इस फ्लाईओवर में निगम पर घटिया निर्माण सामग्री लगाने का आरोप भी लग रहा है। पुल का निर्माण इसी साल अक्टूबर तक पूरा होना था। ऐसे में एक सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या काम जल्दबाज़ी में जैसे-तैसे निपटाया जा रहा था और गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया ? सोशल मीडिया पर भी ऐसी चीज़ें चल रही हैं | लेकिन यह खुला हुआ सच है कि भ्रष्टाचार ने हमारे देश का काम बिगाड़ रखा है | फिर भी सभी मौन हैं !
प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी ने पद संभालते ही मंत्री से संतरी तक भ्रष्टाचार के खिलाफ़ आमूलचूल सीधी लड़ाई की बात कही थी | अदालतों में भ्रष्ट नेताओं पर चल रहे मामलों की फास्ट ट्रैक सुनवाई करने की बात की थी , लेकिन अभी तक कुछ हो न सका ! दूसरी ओर इस पर भी गौर किया जाना चाहिए कि वर्तमान कैबिनेट में तमाम आपराधिक मामलों में आरोपित लोगों की तादाद पुरानी कांग्रेस सरकार के दागी मंत्रियों से करीब दोगुनी है | लोकपाल भी अभी तक हवा में हैं | आप के लोकपाल को भी मोदी सरकार ने रोककर क़ानूनी दांव – पेंच के हवाले कर दिया है और केजरीवाल सरकार को निबटाने पर पूरा ज़ोर लगा रखा है | भ्रष्टाचार विरोधी क़ानून में उचित संशोधन करने के साथ ही लोकपाल जैसी व्यवस्था को लागू करने से भ्रष्टाचार पर रोकथाम में काफी मदद मिल सकती है | आर्थिक विकास से ही भ्रष्टाचार उन्मूलन – संभव नहीं | फिर देश का अपेक्षित आर्थिक विकास भी तो नहीं हो पा रहा !1983 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भ्रष्टाचार को वैश्विक चलन कहा था | इस वक्तव्य के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रधानमंत्री के ऐसी बात करने पर खेद जताया था | 1989 के लोकसभा चुनाव में भ्रष्टाचार का मुद्दा छाया रहा | तबसे लेकर आज तक चुनावी अभियानों में भ्रष्टाचार मिटाने के दावे बढ़चढ़ कर उछाले जाना आम बात हो गई है | ऐसे में इन दावों की क़लई तब खुलती है , जब भारत सूची में बुर्किना फासो, जमैका, पेरु और जाम्बिया जैसे गरीब देशों के पायदान जैसा पाया जाता है | वस्तुस्थिति यह है कि आज हमारा देश भ्रष्टाचार और नैतिक पतन से गंभीर रूप से जूझ रहा है | भ्रष्टाचार पूरी व्यवस्था को तबाह और बर्बाद कर रहा है | जब तक इन्सान के नैतिक अस्तित्व को सबल नहीं बनाया जाएगा और उसके अंदर ईशपरायणता नहीं पैदा होगी , तब तक भ्रष्टाचार – उन्मूलन असंभव है | – Dr RP Srivastava, Editor- in-Chief, ” Bharatiya Sanvad ”
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