खबरनामा

सेवाभावी बनेआयुष्मान योजना 

आजकल चिकित्सा सुविधा इतनी महंगी हो गई है कि तमाम गरीब पैसे के अभाव में अपना इलाज नहीं करवा पाते हैं और अकाल काल के गाल में समा जाते हैं।एक समय था जबकि इलाज सेवाभाव से होता था | इसीलिए डाक्टरों को भगवान कहा जाता था और डाक्टर भी मरीजों Read more…

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राइस मिलों की हड़ताल से पूरे उ.प्र. में धान की ख़रीद टली 

सरकार ने भले ही किसानों के धान का उचित मूल्य दिलाने के लिए पिछले साल की तरह इस बार भी सरकारी खरीद करने की तिथि तय कर दी हो लेकिन नियत तिथि पर खरीद शुरू नहीं हो सकी है।धान की सरकारी खरीद पहली नवम्बर से शुरू होनी थी, लेकिन प्रदेश Read more…

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नफ़रत का तूफ़ाने अज़ीम

देश में सांप्रदायिकता कितनी गहरी पैठ बना रही है, इसका कुछ अंदाज़ा उस वक़्त हुआ, जब देश की राजधानी दिल्ली के मालवीय नगर के बेगमपुर गांव क्षेत्र में आठ वर्षीय मदरसा छात्र मुहम्मद अज़ीम की मॉब लिंचिंग कर दी गई ! उसकी पीट – पीटकर हत्या कर दी गई | Read more…

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पटाखे कितने फूटे, पता चलेगा दीपपर्व पर ? 

भारत को पर्वो – त्योहारों एवं श्रद्धा आस्था का देश माना जाता है और भारतवंशी दुनिया में जहाँ – जहाँ पर भी रहते हैं वह भारतीय पर्वो त्यौहारों को आज से नहीं बल्कि आदिकाल से परम्परागत ढंग से मनाते चले आ रहे हैं। होली में रंग खेलने फगवा गाने की Read more…

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कलयुगी नक़ली भगवानों का संकट !

भारतवर्ष सूफी संत महात्माओं देवी देवताओं ही नहीं बल्कि साक्षात भगवान विष्णु की प्रिय जन्म एवं कर्मस्थली माना जाता है। ग्रंथों पुरुणों एवं इतिहास में वर्णित अधिकांश  सूफी संतों महात्माओं देवी देवताओं की कर्मभूमि भारत की धराधाम से जुड़ी हुई है। यहाँ पर राम, कृष्ण परशुराम, महाबीर, कबीर, रहीम, मीराबाई, Read more…

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आखिर क्यों नहीं रुक रही ‘माब लिंचिंग’ ?

कभी गोमांस, गोकुशी तो कभी बच्चा चोरी की अफवाहों व बहानों से जान लेने का जो सिलसिला पिछले कुछ सालों से चल रहा है , उस पर रोक न लगना देश की क़ानून – व्यवस्था के लिए एक बड़ा सवाल पैदा करता है | यह भी इन्तिहाई अफ़सोस की बात Read more…

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जिला और तहसील स्तरीय पत्रकारों की समस्याओं के हल हेतु भारतीय प्रेस परिषद को ज्ञापन 

– भारतीय संवाद डेस्क लखनऊ,29 अगस्त 201 8 । उ.प्र. जिला मान्यता प्राप्त पत्रकार एसोसिएशन के अध्यक्ष पं. हरि ओम शर्मा ‘हरि’ के नेतृत्व में एसोसिएशन के प्रतिनिधि मण्डल ने आज वी.वी.आई.पी. गेस्ट हाउस में भारतीय प्रेस परिषद् के अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री चन्द्रमौलि कुमार प्रसाद से भेंट की और उनके Read more…

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दागियों ने दाग डाला देश को

भारतीय राजनेताओं का अपराध से गहरा सरोकार होना देश के लोकतंत्र को कलंकित बनाता है | मगर अफ़सोस की बात है कि हमारे यहाँ राजनेताओं की आपराधिक प्रवृत्ति बढ़ी है , बल्कि यह कहें तो अधिक सही होगा कि अपराधी राजनीति में अधिक आ रहे हैं | सुप्रीम कोर्ट का Read more…

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बेचता यूं ही नहीं है आदमी ईमान को, भूख ले जाती है ऐसे मोड़ पर इंसान को

क्या कोई सोच सकता है कि हमारे देश की राजधानी में भूख से एक ही परिवार की तीन बच्चियों की मौत हो जाए और देश के विकास की अनवरत गाथाएं सुनाई जाएं ? हमारे देश के विकास की क्या यही सच्चाई है कि पेट भरने को कुछ न मिले ? Read more…

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भ्रष्टाचार का अँधा पुल और कितनों की जान लेगा ?

भ्रष्टाचार का पुल कैसे बनता है और कैसे टूटता है , यह देखना हो तो वाराणसी जाना चाहिए ! इस प्रोजेक्ट को आगामी 31 अक्टूबर तक पूरा करना था | बीम [ गार्डर ] चढ़ाने के एलाइनमेंट के दौरान हुआ हादसा | हादसे के वक़्त पुल के नीचे जाम लगा Read more…

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जिनाह प्रकरण – तस्वीरबाज़ी से क्या साधा जा रहा है ?

  पुलिस ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की तो वे अधिक उग्र हो गए,तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर प्रदर्शन कर रहे हिंदूवादी कार्यकर्ताओं को खदेड़ा | इसके बाद इन पर कार्रवाई की मांग को लेकर यूनीवर्सिटी के छात्रों ने अपनी गिरफ़्तारी देने के लिए सिविल लाइंस थाने की ओर Read more…

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कैशबंदी डायन खाए जात है

  क्या कैशबंदी भी महंगाई की एक शक्ल है ? महंगाई वह चीज़ है कि आदमी पैसा तो रखता है , लेकिन चीज़ों के दाम इतने बढ़े हुए होते हैं कि वह उन्हें खरीदने से पहले दस बार सोचता है | जबकि कैशबंदी इससे भिन्न है कि आदमी के पास Read more…

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मरती संवेदनाएं , बंद होती किलकारियां !

कल्याणपुरी [ नई दिल्ली ] के ईस्ट विनोद नगर के डलाव घर में 25 दिन की स्टेविया को मारकर फेंक दिया गया | पहली संतान थी वह, फिर भी माँ की ममता द्वारा ठुकरा दी गई। इसलिए नहीं कि बेटी थी, बल्कि इसलिए क्योंकि वह अपने बालपन की जुबां यानी Read more…

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कुत्ते के मुंह में बच्ची की लाश , फिर ‘ रमन्ते तत्र देवता ‘ क्यों ?

इसमें कोई संदेह नहीं कि विगत कुछ वर्षों में देश के विभिन्न भागों में महिला विरोधी घटनाओं में तेज़ी आई है | साथ ही महिलाओं के प्रति मान – सम्मान के भावों को परवान चढाने की कोशिशों के बीच महिला विरोधी मानसिकता का भी विस्तार हुआ है | ये सभी चीज़ें बेहद चिंताजनक और Read more…