आर टी ई फीस प्रतिभूति मामले में सरकार को झटका लगा है | हाईकोर्ट ने एक फ़ैसले में मामले की सुनवाई एक अक्टूबर 2019 को मुक़र्रर की है |
कृपया टिप्पणी करें
Post Views:
525
अन्य पोस्ट पढ़ें
- एक कुष्ठचर्मी, तो दूसरा केशविहीन जब कुष्ठचर्मी बना श्वेतचर्मी बैठ गया विश्व - सिंहासन पर दुनिया के मशहूर ट्रेड टावर पर ऊंटों से भरी वादी लिए हांकता है दुनिया को…
- जनता की ख़ातिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार की ओर से पेट्रोल-डीज़ल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती को विभिन्न क्षेत्रों पर सकारात्मक प्रभाव डालने वाला बताया। '…
- राम जन्मभूमि के मौलवी अहमदुल्लाह " मौलवी " नाम से मशहूर थे अयोध्या के " राम " थे अयोध्या में पैदा हुए किन्तु " घनश्याम " थे सावरकर के…
- सुकीर्ति भटनागर का बाल साहित्य पटियाला [ पंजाब ] की रहनेवाली सुख्यात कवयित्री कीर्ति भटनागर बाल साहित्य की भी सशक्त हस्ताक्षर हैं | उन्होंने अपनी बाल कविता संग्रह " अच्छे…
- " बचे हुए पृष्ठ " - बुराई और अव्यवस्था को आईना वरिष्ठ पत्रकार - लेखक डॉ. रामपाल श्रीवास्तव की सद्य: प्रकाशित पुस्तक "बचे हुए पृष्ठ" इक्यावन आलेखों का संग्रह है जिसे शुभदा बुक्स, साहिबाबाद ने प्रकाशित…
- मीडिया बोले तो.... सारे अपराध करो , फिर भी बचे रहो क्या आज की मीडिया ग़ैर ज़िम्मेदार हो गई है या ग़ैर ज़िम्मेदार होकर ग़ुलाम बन चुकी है ? दोनों बातें सच हैं ! देश के…
- लंबे अनुभव और समग्र दृष्टि के द्योतक हैं 'बचे हुए पृष्ठ' पत्रकारिता के लिए यह सबसे दुःखद समय है। या तो आप वो लिखें और बोलें जो सत्ता में बैठे लोग चाहते हैं या फिर पुलिसिया हथकंडे…
- "कहानियों का कारवां" की नितांत पठनीयता वाकई किसी कवि ने कहा था - हम खड़े-खड़े बहार देखते रहे, कारवां गुज़र गया, गुबार देखते रहे । किसी कवि की उक्त पंक्तियाँ उस…