फिल्मों के लिए ” दिल जलता है, तो जलने दे” समेत 197 गीत लिखने तथा दो फिल्में निर्देशित करने वाले डॉक्टर सफदर आह सीतापुरी ( 28 अगस्त 1903 – 29 जुलाई 1980) के इस पहलू को कम ही जाना जाता है कि वे रामचरित मानस के अगाध प्रेमी और मर्मज्ञ थे। वे फिल्मी दुनिया में क़दम जमा चुके थे। वे वहां प्रति सप्ताह मानस की प्रवचन करते थे, जिसे सुनने के लिए दूर – दूर से लोग आया करते थे। मानस पर उन्हें इतना कमांड था कि हर प्रसंग की बड़ी सार्थक और तार्किक में मीमांसा करते। पूरा मानस उन्हें कंठस्थ था। उस समय मुंबई में उर्दू हलके में महात्मा गांधी हिंदुस्तानी अकादमी प्रकाशित उर्दू पुस्तक ” तुलसीदास और रामचरित मानस ” भी चर्चित थी। आह सीतापुरी के प्रवचन की लोकप्रियता बढ़ी, तो 1945 के आसपास रामानंद सागर भी आह के प्रवचन को सुनने के लिए जाने लगे। यहीं से वे मानस के प्रति और अधिक श्रद्धा रखने लगे। बाद में इस महान ग्रंथ से प्रेरित होकर उन्होंने 78 कड़ियों पर आधारित ” रामायण ” सीरियल बनाया, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय हुआ।
उन्नीसवीं सदी के उत्तरार्ध में एक बड़े मानस प्रेमी मुंशी अदालत खां ( 1834- 1894 ) थे, जो कलकत्ता के फोर्ट विलियम कालेज में पढ़ाते थे। अच्छे लेखक भी थे। 1871 में जब अंग्रेजों ने यह महसूस किया कि इंडियन सिविल सर्विस ( ICS ) में सभी इंग्लैंड से ही सलेक्ट होते हैं, इसलिए उनके प्रशिक्षण में ऐसा पाठ्यक्रम भी लगाना चाहिए, जिससे भारतीय सामाजिक व्यवस्था का ठीक से अभिज्ञान हो सके। इसकी जब जानकारी मुंशी अदालत खां को हुई, तो वे प्रशिक्षण प्रभारी से मिले और उन्हें बताया कि रामचरित मानस से अधिक किसी ग्रंथ में भारतीय सामाजिक व्यवस्था का वर्णन नहीं आया है। इस पर अंग्रेजों ने उनसे इस पर आधारित अंग्रेजी में पाठ्यक्रम तैयार करने को कहा। मुंशी जी मानस के एक कांड का अंग्रेजी अनुवाद करके पाठ्यक्रम में लगवा दिया….इन दोनों महापुरुषों को शत शत नमन।
" मेरा बलरामपुर " - हम सबका बलरामपुर बलरामपुर की है अपनी निराली पहचान, कोई शख़्स नहीं इसकी अज़मत से अनजान, कितनी तारीफ़ करूं मैं इस महबूबतरीन की, उर्फ़ - ए आम पर…
नए क्षितिज की तलाश करता "कहानियों का कारवां" उर्दू अदब में अफसानानिगारी का चलन जितना पुराना है, उतना ही विदेशी कहानियों का देवनागरी लिपि में लिप्यंतरण एवं अनुवाद भी बहुत दिलचस्पी से किए…
नाग संस्कृति संसार के आश्चर्यों में शुमार ! आस्था प्रकाशन, जालंधर से प्रकाशित अंग्रेज़ी पुस्तक " Shri Vasuki Nag and Nag Cultire " पिछले दिनों हस्तगत हुई | 112 पृष्ठीय इस पुस्तक के…
' पिंजर ' को स्वस्थ बनाएं अमृता प्रीतम साहित्य जगत की चमकता सितारा हैं | मूलतः पंजाबी में लिखने वाली उपन्यासकार हैं | कविताएं भी लिखी हैं और पंजाबी भाषा की…
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21 पुस्तकों की समीक्षा पढ़ने का मतलब आपने 21 पुस्तकों को पढ़ भी लिया और समझ भी लिया यानी मुफ्त में इतनी सारी पुस्तकें पढ़ने को मिल गयीं, ये दूसरी बात है इनमें से 8 Read more…