धर्म

सूफ़ी संत मंसूर हल्लाज

सूफ़ी संत मंसूर हल्लाज को मक्का में संगसारी के लिए बांधा गया | पत्थर फेंकने का आमंत्रण दिया गया |  जब उनका एक करीबी दोस्त उधर से गुज़रा, तो उसे भी उन पर कुछ फेंकना था। उसकी जब पत्थर फेंकने की हिम्मत नहीं हुई तो उसने उनकी ओर एक फूल फेंक Read more…

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हिन्दू धर्म की बेजा आलोचना कर क्या हासिल करना चाहते हैं शशि थरूर ?

यह हमारे देश का दुर्भाग्य है कि हर ऐरा – गैरा -नत्थू – खैरा हिन्दू धर्म की आलोचना करने बैठ जाता है | हिन्दू धर्म जो देश की आत्मा है , देश का सबसे बड़ा धर्म है , उस पर कीचड़ उछालते किसी को न तो कोई संकोच होता है Read more…

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परमात्मा ही ब्रह्माण्ड का वास्तविक स्वामी एवं नियंता

इन्सान अपनी करतूतों से प्रकृति के उपादानों का विनाश कर रहा है , जो भी बिगाड़ और विनष्टीकरण का कारण है | आज इंसान ख़ुद प्राकृतिक संसाधनों को मिटाने पर लगा हुआ है | लगातार प्रकृति के कार्यों में हस्तक्षेप कर इन्सान ने खुद को प्रकृति के सामने ला खड़ा किया Read more…

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ईश्वर से मिलन का नाम है योग : श्री परमहंस योगानंद 

योगदा सत्संग सोसाइटी के संस्थापक श्री श्री परमहंस योगानंद को पश्चिम में ‘योग के पथ प्रदर्शक’ के रूप में जाना जाता है। 1920 में 27 वर्ष की उम्र में जब उन्होंने अमेरिका में प्रवेश किया, तभी से योग के प्राचीन विज्ञान के प्रचार–प्रसार में उनकी आधारभूत भूमिका के कारण वे Read more…

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श्री शिवोहम धाम : जो बुरे भाव, विचार और इच्छाओं का करे अंत 

नमो रुद्राय महते सर्वेशाय हितैषिणे। नन्दीसंस्थाय देवाय विद्याभकराय च।। पापान्तकाय भर्गाय नमोनन्ताय वेधसे। नमो मायाहरेशाय नमस्ते लोकशंकर।। हिन्दू धर्मशास्त्रों में त्रिदेवों में ब्रह्मदेव सृष्टि, विष्णु पालन तो शिव संहारक शक्ति के रूप में पूजनीय है , हालांकि त्रिदेव एक ही ईश्वर की तीन शक्तियां और कल्याणकारी स्वरूप माने जाते हैं। Read more…

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महाबली हनुमान जी को लेकर गंदी सियासत 

राजनीति में लगता है कि सेवाभाव समाप्त होता जा रहा है और अपनी सेवाओं से मतदाताओं का मन लुभाने की जगह देवी देवताओं के नाम पर मतदाताओं को लुभाने की परम्परा शुरू हो गई है। वर्षीं से भगवान राम के नाम राजनैतिक रोटियां सेकीं जा रही थी , अब महाबली Read more…

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अलेक्सेई पैत्रोविच वरान्निकोव का मानस, भगवान राम का ही चमत्कार

जब सोवियत संघ विश्व की एक बड़ी महाशक्ति हुआ करता था | साम्यवाद और अनीश्वरवाद का वर्चस्व था | जोसेफ़ स्टालिन सत्तासीन थे | उस दौर में भी भगवान राम का गहरा प्रभाव अलेक्सेई पैत्रोविच वरान्निकोव पर पड़ा | वे प्रोफ़ेसर थे | हिंदी के माहिर थे | रूसी और Read more…

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भगवान शिव के रूद्रावतार और मेंहदीपुर धाम 

हिन्दू देवी देवताओं में भगवान शिव के रूद्रावतार महाबली बजरंगी बली पवनसुत हनुमान ऐसे हैं जो इंसानों के बड़े वर्ग में  पूज्य होने के साथ शक्ति प्रदाता माने हैं | हिन्दू उन्हें बजरंगबली कहते हैं तो अन्य उन्हें भिन्न – भिन्न नामों से पुकारते हैं | बजरंगबली एकमात्र ऐसे देवता Read more…

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“जो रब है वही राम” का संदेश 

आज जबकि दुनिया में हिन्दू मुसलमानों के बीच धर्म सम्प्रदाय खुदा भगवान के नाम पर नफरत फैलाकर कौमी एकता को खंडित करने की कोशिश हो रही है और रब और राम के बीच में खाई खोदकर लोगों को आपस में लड़ाया जा रहा है। वहीं अवध क्षेत्र से जुड़े देवी Read more…

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क्या मनुस्मृति दलित विरोधी है ?

मनु कहते हैं- जन्मना जायते शूद्र: कर्मणा द्विज उच्यते। अर्थात जन्म से सभी शूद्र होते हैं और कर्म से ही वे ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र बनते हैं। वर्तमान दौर में ‘मनुवाद’ शब्द को नकारात्मक अर्थों में लिया जा रहा है। ब्राह्मणवाद को भी मनुवाद के ही पर्यायवाची के रूप Read more…

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प्रेम का ही अद्वैत स्वरूप है श्रीकृष्ण का महारास !

सोलह कलाओं से परिपूर्ण भगवान श्रीकृष्ण का अवतार मुख्यत: आनंद प्रधान माना जाता है। उनके आनंद भाव का पूर्ण विकास उनकी मधुर रस लीला में हुआ है। यह मधुर रस लीला उनकी दिव्य रास क्रीड़ा है , जो शृंगार और रस से पूर्ण होते हुए भी इस स्थूल जगत के Read more…

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मनुष्य जीवन में पितृऋण की अदायगी ?

  मनुष्य जीवन में तीन कर्ज ऐसे होते हैं जिन्हें उतारना हर व्यक्ति का परमधर्म होता है इनमें पितृ ऋण गुरु ऋण एवं देव ऋण माने जाते हैं और बिना इन्हें चुकता किये मनुष्य का कल्याण नहीं होता है।पितृ ऋण चुकता करने के लिये साल में एक पखवाड़ा आता है Read more…

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द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक – बैजनाथ धाम , रोगों से मुक्ति का धाम  

श्री वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग का मन्दिर जिस स्थान पर अवस्थित है, उसे ‘वैद्यनाथधाम’ कहा जाता है। यह स्थान झारखण्ड प्रान्त, पूर्व में बिहार प्रान्त के सन्थाल परगना के दुमका नामक जनपद में पड़ता है। मान्य ग्रन्थ प्राचीन शिव पुराण के अनुसार झारखण्ड प्रान्त के जसीडीह रेलवे स्टेशन के समीप स्थित देवघर का Read more…

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श्री दुर्गा चालीसा

  नमो नमो दुर्गे सुख करनी । नमो नमो अम्बे दुःख हरनी ॥ निराकार है ज्योति तुम्हारी । तिहूं लोक फैली उजियारी ॥ शशि ललाट मुख महा विशाला । नेत्र लाल भृकुटी विकराला ॥ रुप मातु को अधिक सुहावे । दरश करत जन अति सुख पावे ॥ तुम संसार शक्ति Read more…

धर्म

‘ शिव तांडव स्तोत्र ‘ – भगवान शंकर की प्रसन्नता प्राप्ति का अमोघ साधन 

मान्यता है कि शिवभक्त रावण ने कैलाश पर्वत ही उठा लिया था और जब पूरे पर्वत को ही लंका ले चलने को उद्यत हुआ उस समय अपनी शक्ति पर पूर्ण अहंकार भाव में था। महादेव को उसका यह अहंकार पसंद नही आया तो भगवान् शिव ने अपने अंगूठे से तनिक Read more…