फिर होली सामने खड़ी है …. यह मन को मस्त और आँखों को बावरा बनाने का त्योहार ही नहीं , मानवता , दया तथा सार्वभौम प्रेम की सीख देनेवाला त्योहार है . यह लोगों के दिलों में स्नेह – सौजन्य , सौमनस्यता एवं नवोत्साह का मनोकान्क्षाओं और अरमानों को संजोने वाला विविध मनमोहक रंग घोलने का त्योहार है ….. यह वृक्षों और पौधों में नई – नई कोंपलें फूटने के अवसर पर आया वासन्तिक पर्व ही नहीं , जीवन में नवोत्साह भरने का भी अवसर है …. दरअसल यह प्रेम और भाईचारे का त्योहार है ….. यह दिलों को तोड़ने नहीं जोड़ने का पर्व है …. इन्सान की आंतरिक और सब प्रकार की सामाजिक बुराइयों के दहन का अवसर है . कहा भी गया है –
होलास्ति समतापर्वस्ताद्दिनेऽन्योन्यस्य वै ।
असमताऽसुरत्वस्य दाहः कार्यो होलिकावत्॥ —– अर्थात , होली समता का त्योहार है . इस दिन निश्चय ही आपस की असमतारूपी असुरता का होली की तरह दाह करना चाहिए | अब एक और महत्वपूर्ण पक्ष पर आते हैं. मैं अक्सर देखता हूँ कि हमारे बहुत – से बल्कि बड़ी संख्या में दीन – दुखी जन होली के दिन भी दूसरों के आगे हाथ फ़ैलाने की स्थिति में होते हैं . यह बड़ी दुखद और चिंताजनक स्थिति है . यह पर्व आम आदमी की पीड़ा को भी महसूस करने और उन्हें हर प्रकार की सहायता उपलब्ध कराने की भी शिक्षा देता है . इस पीड़ा को वरिष्ठ कवि शंकर दीक्षित ने ये शब्द दिए हैं –


होलिका से ज़्यादा दर्द भोग रहा है आदमी
भंग की तरंग न उमंग न ठिठोली है
प्यारी – प्यारी धन्नो जी की चूनरी है तार – तार
गोरी रसबोरी कहाँ
प्रीति भी अबोली है .
कहाँ से लाएं गुलाल भरपूरे दाम नहीं
कैसी मजबूरी यार राख भरी झोली है
चेहरों का उड़ा रंग
पोर – पोर सर्पदंश
कैसे उत्सव फूटे भैया
फीकी – फीकी होली है .
यह स्थिति बदलने के लिए हमें आगे आना चाहिए . कहा भी गया है – निन्दितं चार्थिकं लोके विषमत्वमसङ्गतम् । प्राप्तव्यो निखिलैस्तत्र चावसरस्तुल्योचतः॥ अर्थात , संसार में आर्थिक विषमता, असंगत और निन्दित है .इस जगती-तल में सभी को (चाहे गरीब हो या अमीर) समान एवं उचित अवसर मिलना ही चाहिए .
यह पर्व आत्मसम्मान और परम संकल्प की भी शिक्षा देता है . अवधी के महान हास्य कवि रमई काका [ चन्द्रभूषण त्रिवेदी जी ] ने ठीक ही लिखा है –
पड़े जो दाग चेहरों पर छुटा साबुन से डालेंगे
दिलों में दाग जितने हैं उन्हें कैसे छुड़ाएंगे ?
जलाओ होलियाँ लेकिन बचाना देश भारत को
अगर प्रह्लाद जल जाएगा कैसे मुंह दिखाएंगे ?
इस शुभावसर पर आप सभी को स्नेहपूर्ण हार्दिक शुभकामनाएँ एवं अनेकानेक बधाइयाँ …….

कृपया टिप्पणी करें