देश की क़ानून – व्यवस्था पर सवाल उठाती हुई माब लिंचिंग की वीभत्स घटनाएं जारी हैं | झारखंड और उत्तर प्रदेश में मवेशी चोरी और गोकुशी के आरोप में तीन लोगों की पिछले दिनों पीट-पीट कर हत्या कर दी गई | झारखंड के गोड्डा ज़िले के देवटांड़ थाना क्षेत्र के बनकट्टी गाँव में मारे गए लोगों के नाम चिरागुद्दीन अंसारी उर्फ़ चरका और मुर्तज़ा अंसारी हैं | चिरागुद्दीन देवडांड थाने बनकट्टी गाँव का रहनेवाले थे , जबकि मुर्तज़ा भी उक्त थाना क्षेत्र के बांझी तलझारी गांव के रहने वाले थे , जो बनकट्टी गाँव के निकट पड़ता है | एस पी राजीव रंजन सिंह ने मीडिया को बताया कि देवडांड और सुंदरपहाड़ी थाना क्षेत्र की सीमा पर बसे ढुलू गांव के मुंशी सोरेन की भैंस पिछले दिनों चोरी हो गई थी | बनकट्टी गांव में लोगों ने तीन युवकों को कुछ जानवरों के साथ जाते देखकर रोक लिया | वहां सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई और ग्रामीणों ने इन युवकों की पिटाई शुरू कर दी |
इनमें से एक युवक भाग निकला , लेकिन बाकी बचे दोनों युवकों को भीड़ ने लाठी-डंडे से बुरी तरह पीटा | इस कारण दोनों की मौत घटना स्थल पर ही हो गई | पुलिस ने मुंशी बेसरा समेत चार लोगों को गिरफ़्तार कर लिया है | संथाल परगना के डी आई जी अखिलेश कुमार झा ने बताया कि आदिवासी बहुल दुल्लू गांव के मुंशी मूर्मू के घर से पांच लोगों ने कथित रूप से 13 भैंस चुरा ली थी, जिसके बाद गांव वालों ने पांच लोगों का पीछा किया और जिनमें से दो लोगों को भीड़ ने बनवटी गांव के पास पकड़ लिया | गुस्साई भीड़ ने दो की वहीं पर हत्या कर दी और तीन अन्य भाग गए | भीड़ ने हत्या के बाद दोनों शवों को वापस दुल्लु गांव लाए |
मृतक मुर्तजा अंसारी के पिता हलीम अंसारी ने कहा, यह मामला पुरानी दुश्मनी का है | मेरे बेटे को धोखे से गांव मे बुलाकर उन लोगों ने उसकी हत्या कर दी | यह कैसा क़ानून है कि मेरे बेटे को दिन-दहाड़े मार दिया गया | वह पशु चोर नहीं था बल्कि पशुओं का व्यापार करता था | अब उसके तीन छोटे-छोटे बच्चों को हम लोग क्या बताएंगे ?
पिछले सप्ताह इसी तरह की एक अन्य घटना उत्तर प्रदेश के हापुड़ ज़िले के पिलखुआ थाना क्षेत्र में हुई , जहाँ कुछ सांप्रदायिक तत्वों ने गो हत्या का आरोप लगाते हुए कासिम को पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया , जबकि दूसरे शख्स को बुरी तरह घायल कर दिया | पुलिस ने इस मामले में 25 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है | मामला पिलखुआ के बछेड़ा खुर्द गांव का है | बताया जाता है कि कासिम के खेत में एक गाय और उसका बछड़ा घुस गया था. जिसे कासिम भगा रहा था | इसी दौरान गांव में कुछ लोगों ने गो हत्या की अफवाह फैला दी और मौके पर पहुंचे दबंगों ने कासिम और उसके साथी को पीट-पीट कर बुरी तरह घायल कर दिया | इलाज के दौरान कासिम की मौत हो गई |
ग्रामीणों के अनुसार, उन्होंने कुछ लोगों को गांव मदापुर की तरफ गोवंश ले जाते देखा था| एक खेत पर काम कर रहे एक किसान ने गोकशी की सूचना गांव में दी थी |. इसके बाद दर्जनों ग्रामीण एकत्र होकर खेतों की तरफ दौड़ पड़े | गांव मदापुर पहुंचकर वहां मौजूद कासिम (45) निवासी सद्दीकपुरा व एक खेत में मौजूद 72 वर्षीय एक वृद्ध को पकड़ लिया और उनकी लाठी-डंडों से पिटाई कर दी। इस मामले को लेकर गांव बझैढ़ा खुर्द और मदापुर में तनाव व्याप्त हो गया | दोनों गांवों के सैकड़ों ग्रामीण आमने-सामने आ गए , जो पुलिस के प्रयास के बाद लौट गए |
इस बीच झारखंड के रामगढ़ में हुई चर्चित मॉब लिंचिंग में मारे गए अलीमुद्दीन अंसारी की मौत को एक साल होने को है , लेकिन अभी तक उनका परिवार मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहा है | पिछले साल 29 जून को भीड़ के बुरी तरह पीटने से अलीमुद्दीन अंसारी की मौत हो गई थी. इस मामले में रामगढ़ के फास्ट ट्रैक कोर्ट ने बीते 20 मार्च 2018 को ग्यारह लोगों को उम्रकैद की सज़ा सुनाई थी | दोषी पाए गए लोगों में भारतीय जनता पार्टी की रामगढ़ ज़िला इकाई के मीडिया प्रभारी नित्यानंद महतो भी शामिल हैं | बाकी के अभियुक्त गो रक्षा समिति से जुड़े हुए हैं |
उल्लेखनीय है कि मार्च 2016 में झारखंड के लातेहार में दो मवेशी कारोबारी मज़लूम अंसारी और इम्तियाज़ अंसारी की हत्या कर शवों को पेड़ पर लटका दिया गया था | भीड़ द्वारा पीट- पीट कर हत्या करने की घटनाएं किसी एक – दो प्रदेश में ही नहीं , पूरे देश में हो रही हैं | महाराष्ट्र के औरंगाबाद ज़िले के वैजापुर तालुका के चंदगांव गांव में विगत आठ जून 18 को लुटेरे होने के संदेह में ग्रामीणों की एक भीड़ ने दो लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी और सात अन्य जख्मी कर दिया | पुलिस के मुताबिक़, कम से कम 1,500 ग्रामीणों की भीड़ ने डंडों से नौ लोगों पर हमला कर दिया | वैजापुर पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि ‘लुटेरों के गिरोह’ की मौजूदगी के कुछ फ़र्ज़ी मैसेज वॉट्सऐप पर फैलाए जा रहे थे और इन्हीं अफवाहों की वजह से यह घटना हुई | इन नौ लोगों को गांव से 70 किलोमीटर दूर औरंगाबाद में सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ले जाने से पहले पुलिस उन्हें वैजापुर के ग्रामीण अस्पताल ले गई थी |
उन्होंने कहा कि मृतकों की पहचान भरत सोनावने और शिवाजी शिंदे के रूप में हुई है | पुलिस ने इस मामले में हत्या और हत्या की कोशिश के आरोपों में 400 से ज़्यादा ग्रामीणों पर मामला दर्ज किया है | गौर तलब है कि पिछले महीने में तेलंगाना में दो अलग-अलग घटना कुछ ग्रामीणों ने चोर होने के संदेह में दो लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी | जबकि हाल के दिनों में असम के कार्बी आंगलांग जिले में दो लोगों को बच्चा चोर क़रार देकर भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला | उपर्युक्त विवरणों से यह स्पष्ट है कि सुप्रीम कोर्ट और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सख्त हिदायत के बाद भी ” माब लिंचिंग ” का सिलसिला अभी थम नहीं सका है | प्रधानमंत्री मोदी ने 6 अगस्त 2016 को दिल्ली के टाउन हाल में देशवासियों के साथ सीधे संवाद में साफ़ तौर पर कहा था कि ” इन दिनों कई लोगों ने गोरक्षा के नाम पर दुकानें खोल रखी हैं। मुझे इतना गुस्सा आता है इन्हें देखकर। कुछ लोग जो पूरी रात एंटी सोशल एक्टिविटी करते हैं , लेकिन दिन में वे गोरक्षक का चोला पहन लेते हैं। मैं राज्य सरकारों से अनुरोध करता हूं कि ऐसे जो स्वंयसेवी निकले हैं उनका जरा डोजियर तैयार करें, इनमें से 70-80 फीसदी एंटी सोशल एलिमेंट निकलेंगे। ”
राज्य सरकारों ने प्रधानमंत्री की हिदायत पर क्या किया , यह तो पता नहीं , मगर यह सच है कि ‘ माब लिंचिंग ‘ जारी है | तथाकथित गोरक्षक और सांप्रदायिक लोग ही इसे अंजाम देते हैं | वास्तव में सभी नागरिकों कि सुरक्षा सुनिश्चित करना शासन – प्रशासन का काम है | क़ानून – व्यवस्था को बनाए रखना क़ानून लागू करनेवाली संस्थाओं व इकाइयों की प्राथमिक ज़िम्मेदारी है , किन्तु यह आजकल नहीं दिखाई पड़ रही है | देश का सामाजिक ढांचा लगातार प्रभावित हो रहा है | देश के सभी शुभ चिंतकों और हितैषियों को चाहिए कि इस विषम स्थिति को सकारात्मक बनाने हेतु ठोस प्रयास करें | सरकारें भी अपनी पदेन ज़िम्मेदारी निभाएं | लोगों में लोप हो रही सहिष्णुता और सदाचार की भावना को फिर परवान चढ़ाने की ज़रूरत है | – Dr RP Srivastava , Editor – in- Chief, ” Bharatiya Sanvad ”