कुशीनगर का रेल हादसा बताता है कि पिछली रेल दुर्घटनाओं से हमने कोई सबक़ नहीं लिया | पिछले तीन सालों के रेल बजट में सभी फाटक विहीन रेल क्रासिंगों को समाप्त कर फाटक लगवाने का प्रावधान किया गया था , लेकिन अमल के नाम जो हुआ , वह आप सभी के सामने है | शहरों तक में जहाँ ट्राफ़िक की बहुतायत होती है , रेल – क्रासिंगों पर फाटक नहीं लग पाए हैं , जबकि बुलेट ट्रेन का ख़्वाब दिखाई पड़ रहा है | यह ज़रूर हुआ है कि स्कूली वैन और ट्रेन की टक्कर मे 15 मासूमों की दर्दनाक मौत के बाद सरकार चेती है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रत्येक मृतक के परिजन को दो- दो लाख देने की घोषणा के साथ क्रासिंग पर फाटक लगवाने के सिलसिले में रेल मंत्री पीयूष गोयल से बातचीत की है | वास्तव में मानव / फाटक रहित क्रासिंग एक बड़ी समस्या हैं | आबादी बढ़ने के साथ – साथ इस समस्या का भी विस्तार हुआ है , लेकिन एहतियाती क़दम नहीं उठाए गए | अब जाँच के बाद जो रिपोर्ट आएगी और उस पर क्या क़दम उठाया जाएगा ? यह तो आनेवाला समय ही बताएगा | क्या मंडलायुक्त की रिपोर्ट में रेल विभाग को भी दोषी ठहराया जाएगा या उपांगिक विषयों पर चर्चा करके काग़ज़ी कार्रवाई पूरी कर दी जाएगी ?
कुशीनगर के दुदही रेलवे स्टेशन के समीप मानव रहित क्रासिंग पर गत 26 अप्रैल 18 की सुबह थावे-बढ़नी पैसेंजर ट्रेन [ 55075 ] से डिवाइन पब्लिक स्कूल की वैन (टाटा मैजिक) की टक्कर से स्कूली बच्चो से खचाखच भरी स्कूली वैन के परखचे उड़ गए |घटना मे 15 मासूम बच्चो की मौके पर ही मौत हो गई है , जबकि ड्राइवर समेत आधा दर्जन से अधिक घायल है। इनका इलाज गोरखपुर मेडिकल कालेज मे चल रहा है जहा इनकी हालत नाजूक बतायी जा रही है। ड्राइवर के बारे में कहा जाता है कि घटना के समय वह कानों में लीड लगाए हुए था | उससे एक महिला ने कहा भी कि गाड़ी आगे न ले जाए , ट्रेन आ रही है , लेकिन वह लीड की वजह से सुन नहीं पाया | प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार , जिस मानव रहित क्रासिंग पर यह हादसा हुआ ,वहां गेट मित्र तैनात था। उसने स्कूल वैन को क्रासिंग पार करते देखा , तो चिल्लाते हुए आती हुई ट्रेन की तरफ इशारा किया। गेट मित्र आवाज़ देता रहा , लेकिन कान में हेडफोन लगाए ड्राइवर ने उसकी आवाज नही सुनी। ड्राइवर को अपनी लापरवाही की वजह से उसे आती 55075 अप ट्रेन के इतने नजदीक आ जाने का एहसास ही नहीं हुआ और देखते-देखते उसकी वैन ट्रेन से बुरी तरह टकरा गई |
इस स्तब्धकारी दर्दनाक हादसे में जिन नौनिहालों की मौत:हुई , उनके नाम आदि इस प्रकार हैं – 1. अकरम पुत्र फ़रहान
- कमरुल पुत्र हैदर , निवासी – पडरौना
- अतीउल्लाह पुत्र नौशाद अंसारी , निवासी – कोकिलपट्टी
- अनीस नाज़िर पुत्र मुहम्मद नाज़िर
- मुहम्मद अरशद पुत्र मुहम्मद ज़हीर
- मेराज पुत्र मुईनुद्दीन, निवासी – गेरुखा
- गोल्डेन पुत्र नौशाद , निवासी – कोकिलपट्टी
- हरिओम पुत्र अंबर सिंह
- साजिद
- तमन्ना पुत्री हसन, निवासी – बतरौली
- मुस्कान पुत्री मुईनुद्दीन
- संतोष पुत्र अमरजीत
- गोलू पुत्र हैदर अली 14 , रवि पुत्र अमरजीत और 15 .रागिनी पुत्री अमरजीत |
ज्ञातव्य है कि मृतकों की जो सरकारी लिस्ट बनी है , उसमें मृतकों की संख्या 13 है , जबकि हमारे सूत्र 15 बताते हैं | इस घटना में घायलों के उपचार हेतु अस्पताल तक ले जाने में जो चुस्ती दिखाई गई , वह यक़ीनन काबिले ज़िक्र है | इसके लिए आनन – फानन में लगभग सौ किमी रोड को ख़ाली कराया गया और कम समय में घायलों को गोरखपुर मेडिकल कालेज में दाख़िल किया गया | पुलिस की कड़ी मेहनत के चलते यह संभव हो पाया | लेकिन . इस चुस्ती के बावजूद यह सवाल बाक़ी है कि इस दर्दनाक हादसे से सरकार कितनी सीख लेगी ? क्या जल्द फाटक की व्यवस्था होगी ? अगर नहीं , तो ऐसी चुस्ती दिखाकर जनता को कब तक कोपभाजित बनना पड़ेगा !?. राष्ट्रपति , प्रधानमंत्री और अन्य विशिष्ट जन आहत हैं , लेकिन इतना ही काफ़ी नहीं | देश के बुनियादी ढांचे के चुस्त – दुरुस्त करने के लिए व्यावहारिक रूप में काफ़ी कुछ करने की ज़रूरत है |
– Dr RP Srivastava , Editor – in – Chief , ”Bharatiya Sanvad””