16 मई 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के तीन साल पूरे हो चुके हैं। इन तीन सालों में सरकार के कामकाज, नक्सल, बेरोजगारी, बढ़ते अपराध आदि समस्याअों को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं के साथ ही ट्विटर पर यूजर्स ने मोदी सरकार को घेरा है। कांग्रेस ने मोदी सरकार को नाकाम क़रार दिया है और केंद्र सरकार पर सांप्रदायिक सौहार्द्र, दलित सुरक्षा और भाईचारे के नुकसान का गंभीर आरोप लगाया। यह आरोप भी लगाया कि सरकार ने किसानों से किए वादे पूरे नहीं किए। ​फसल बीमा योजना का वादा भी पूरा नहीं हुआ। फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य का वादा भी पूरा नहीं किया गया। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला का कहना है कि ” तीन साल बीत जाने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी से हिसाब मांगना जायज़ है | मन की बात तो बहुत हो गई. मतलब की बात कब होगी ? अच्छे दिन के सपने सच कब होंगे ? भारतीय जनता पार्टी ने हर साल दो करोड़ नौकरी देने का वादा किया था |.सालाना एक लाख 35 हज़ार नौकरी नहीं पैदा कर पा रही है ! भारतीय मजदूर संघ के मुताबिक, नोटबंदी की वजह से 20 लाख नौकरियां चली गईं |

आज भी 35 किसान हर रोज़ आत्महत्या करते हैं. | हर नौ मिनट में एक महिला के साथ बलात्कार हो रहा है | उद्योग-धंधे चौपट हो चुके हैं | व्यापार की सहूलत के लिहाज़ से आज भी भारत 130वें नंबर पर है | ऐसे में बेहतर क्या हुआ है ? ज़ुबान दबाने का दमन चक्र तेज़ हुआ है | तरक्की और विकास लोगों की ज़िंदगी से ग़ायब हो गए हैं | कांग्रेस पार्टी पूरे देश में एक-एक विषय पर देश के हर कोने में जाएगी , जनमानस को बताएगी और इसको उजागर करेगी |” जद [ यू ] के नेता के . सी . त्यागी ने कहा है कि ” राष्ट्रीय सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के मोर्चे पर यह सरकार खुद को कामयाब नहीं कह सकती है | सीमा पर अतिक्रमण और सैनिकों के हताहत होने की संख्या बढ़ी है | कश्मीर का मसला पहले से भी गंभीर हो गया है | आंतरिक सुरक्षा की बात करें तो सुकमा से लेकर नक्सलवादियों की वारदातों की संख्या बढ़ी है | सरकार सिर्फ़ अधिकारियों की बैठक से संतुष्टि हासिल कर लेती है | किसानों से वादा किया गया था कि पहली सरकारों के मुक़ाबले हम किसानों का ज़्यादा ख़्याल रखेंगे | सरकार की तरफ़ से तय न्यूनतम समर्थन मूल्य में 50 फ़ीसद के इज़ाफ़े का वादा किया गया था, लेकिन साढ़े तीन फ़ीसद से ज़्यादा दाम नहीं बढ़े हैं | भारतीय जनता पार्टी ने ‘सबका साथ सबका विकास’ का वादा किया था, लेकिन इस पर प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है | दादरी से लेकर पहलू खां तक जो सवाल दफ़न हो गए थे उन्हें उभारने का काम किया गया | दलितों पर भी अत्याचार बढ़े हैं | जैसा अकाली आंदोलन के समय हुआ था कि नेताओं के हाथ से नेतृत्व निकल गया था, उसी तरह के अतिवादी क़ानून अपने हाथ में लेकर जज की मुद्रा में पहुंच गए हैं | पूरे देश में असुरक्षा का माहौल है | भारत को 70 साल में पहली बार संयुक्त राष्ट्र में कहना पड़ा कि हमारे देश में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं | अगर लोकतंत्र को मज़बूत रखना है तो विपक्षी दलों को राष्ट्रपति चुनाव में एक होना चाहिए फिर चुनावी तालमेल करना चाहिए |”

ट्विटर पर #3FailedYears ट्रेंड कर रहा है। ट्विटर पर डॉक्टर राजपुरोहित नाम के यूजर ने लिखा है कि वे 15 लाख रुपये कहां हैं जो लोगों के खाते में आने वाले थे। रवीन्द्र त्यागी ने लिखा कि हिंदू-मुस्लिम से आगे बढ़कर अब इन लोगों ने ‘सवर्ण-दलित’ को लड़ाने की शुरुआत कर दी है। ऋषि बाग्री ने लिखा कि डिग्री का क्या हुआ? मेरे 15 लाख रुपये कहां हैं? गौरव पंडित ने लिखा है कि आज महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ते जा रहे हैं | आजाद भारत के बाद इतना अपराध पहली बार हो रहा है। आशा लाल टम्टा ने लिखा है कि युवाओं से दो करोड़ नौकरी देने का वादा किया गया था लेकिन बेरोजगारी तो लगातार बढ़ती जा रही है। एक यूजर ने लिखा कि क्या सबकुछ महंगा हो गया है या मैं गरीब हो गया हूं? एम रेड्डी नाम के यूजर ने लिखा कि बीजेपी 3 साल पूरे होने का जश्न मना रही है , पर उसने जनता के कल्याण के लिए क्या किया है। सत्येंद्र सिरोही नाम के यूजर ने लिखा कि कच्चे तेल के दाम में लगातार कमी आने के बावजूद सरकार ने तेल पर टैक्स 70 फीसदी से बढ़ाकर 150 फीसदी कर दिया।सं जीव मानन ने लिखा कि पीएम मोदी ने हर साल 2 करोड़ नौकरी देने का वादा किया , पर हालत यह है जिन नौजवनों के पास नौकरी है उन्हें निकाल दिया गया है। मोदी सरकार घरेलू व विदेशी हर मोर्चे पर बुरी तरह विफल रही है। अभिजीत मंजुल ने लिखा कि वह सब तो ठीक है लेकिन 3 साल में क्या किया? श्रेय शर्मा ने लिखा डॉ. मनमोहन सिंह कभी पाकिस्तान नहीं गये, मोदी जी के पाकिस्तान जाने के बाद भी हमले हो रहे हैं | क्या यही राष्ट्रवाद है ? मोदी सरकार की ओर से केन्द्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने सफ़ाई में कहा कि ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुमत के साथ सरकार बनाई | हमने देश के सामने अपनी योजनाएं रखीं | काम करते हुए तीन साल का कार्यकाल पूरा किया | सरकार के कामकाज को कैसे नापते हैं ? आप इसे बाकी राज्यों के चुनाव परिणाम से देखते हैं |चाहे वे नगर पालिकाओं के चुनाव हों , भुवनेश्वर में हो या फिर चंडीगढ़ में हो या फिर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के चुनाव के नतीजे हों, भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड बहुमत मिला | कहीं न कहीं राष्ट्रीय कार्यक्रम और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में जो आस्था है, वह इन परिणामों में दिख रही है | किसानों के लिए फ़सल बीमा योजना और मृदा कार्ड जैसी योजनाएं शुरू हुईं | सकल घरेलू उत्पादन में कृषि का हिस्सा बढ़ता जा रहा है | नोटबंदी का फ़ायदा ग़रीबों और किसानों को मिला | स्वच्छ भारत अभियान, स्कूलों में शौचालय का निर्माण और उज्ज्वला योजना का लाभ भी ग़रीबों और किसानों को मिल रहा है | एक बड़ा विश्वास है कि यह सरकार गरीबों के लिए काम कर रही है | रोज़गार बढ़ाने के लिए गांव-गांव तक कौशल विकास योजनाएं चल रही हैं | विदेशी निवेश बढ़ रहा है. विदेश नीति के कारण दुनिया में भारत की ताकत बढ़ रही है | हमारा लक्ष्य सादा है. हम काम करके ग़रीबों, बेरोज़गारों और ग़रीबों से जुड़ रहे हैं विपक्ष परेशान है | विपक्षी दलों ने सोचा नहीं था कि एक चाय बेचने वाले का बेटा कभी प्रधानमंत्री बनेगा | भारतीय जनता पार्टी एक विकल्प के रूप में मौजूद है | सभी पार्टियां मिलकर भाजपा को रोकना चाहती हैं, लेकिन लोगों को लगने लगा है कि बाकी दल सिर्फ़ बातें करते हैं और भारतीय जनता पार्टी काम कर रही है | ” एक मीडिया चैनल के ‘शिखर सम्मेलन’ में मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाई हैं | उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के जमाने का सर्टिफिकेट ‘अटेस्ट’ (सत्यापन) करने का नियम सरकार ने बदला. यह जनता के प्रति विश्वास का एक कदम था | सरकार, संवेदनशीलता से काम कर रही है | उन्होंने दावा किया कि हर विभाग में दलाली की परंपरा को खत्म कर दिया गया है | केंद्रीय मंत्री ने दावा किया है कि तीन साल में एक भी भ्रष्टाचार का मामला सामने नहीं आया है | उन्होंने यह भी कहा कि सरकारें जब तीन साल चल जाती हैं तो ‘एंटी इंकंबेंसी’ आती है , लेकिन मोदी सरकार के साथ उल्टा हो रहा है | समय के साथ जनता का विश्वास बढ़ रहा है और लगातार चुनावों में मिलने वाली जीत इसका उदाहरण है | Dr RP Srivastava

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