साहित्य
‘हरकारा’ – आख़िर मैं क्या लिखूं ?
भाई अख़लाक़ अहमद ज़ई की दो पुस्तकें मिलीं | ‘हरकारा’ जो पत्र संकलन है और दूसरी जेबकतरा जो लघुकथा संग्रह है। अभी हरकारा पढ़ी है। तेज़ी से लुप्त हो रही पत्र लेखन विधा को संबल देती हरकारा लेखक का जीवन दर्शन भी है। वैसे अब यह विधा बहुत कुछ पत्र Read more…