खासमखास

अवतारवाद की अवधारणा

इस समय देश में धर्म पर बात करना जोखिम भरा काम है। अध्यात्म की बातें करना उस समय और भी दुरूह हो जाता है जब सहमति – असहमति के बीच हो रही हो। धर्म अनपढ़ अथवा कम पढ़े – लिखे लोगों के दरम्यान अंधविश्वासों के बीच झूल रहा है, तो Read more…

खासमखास

” जित देखूँ तित लाल ” – 21 पुस्तकों की तथ्यपरक समीक्षा 

आज जब पुस्तकों की समीक्षाएं प्रायोजित होने लगी हैं। पत्र-पत्रिकाएँ पैसे लेकर पुस्तकों पर समीक्षाएं करने/कराने लगी हैं, ऐसे में जित देखूँ तित लाल का प्रकाशन सुखद ही कहा जा सकता है। इस पुस्तक में इक्कीस पुस्तकों पर अपने विचार व्यक्त किए हैं लेखक ने। रामपाल श्रीवास्तव वरिष्ठ पत्रकार हैं, Read more…