देश-देशांतर
सबके थे नारायण दत्त
राजनीति जनसेवा के मूल सिद्धांत पर आधारित होती है और राजनेता जनसेवक होता है।राजनीति जितनी गंदी इस समय हो गयी है उतनी गंदी पहले कभी नहीं रही और समय समय पर राजनीति में भी महापुरुष पैदा होते रहे हैं।अपने मृदुभाषी कार्यशैली के दम पर दशकों तक लोगों के दिलों में Read more…