अतिथि लेखक/पत्रकार

धरोहरों एवं पहचान के साथ राजनीति उचित नहीं

इस देश का दुर्भाग्य है कि यह आज़ादी के समय से ही संकीर्ण राजनैतिक शतरंज का मोहरा बना हुआ है और जब जिसका दिल चाहता है वह इसे राजनैतिक दाँव पर लगा देता है। संक्रीण राजनीति ही थी जिसके चलते आजाद हिन्द सरकार और आजाद हिन्द सेना के विंग कमांडर Read more…