साहित्य
दीपक की सामूहिक खोज
[ 1 ] कोई ऐसा चराग़ लाओ मेरे दोस्तो , जो हर शै को अँधेरे से निकाल लाए | – राम पाल श्रीवास्तव ‘अनथक’ [ 2 ] आओ सब मिलकर एक – एक दीप जलाएं , अब मुश्किल नहीं है अँधेरे को मिटाना | -राम पाल श्रीवास्तव ‘अनथक’
[ 1 ] कोई ऐसा चराग़ लाओ मेरे दोस्तो , जो हर शै को अँधेरे से निकाल लाए | – राम पाल श्रीवास्तव ‘अनथक’ [ 2 ] आओ सब मिलकर एक – एक दीप जलाएं , अब मुश्किल नहीं है अँधेरे को मिटाना | -राम पाल श्रीवास्तव ‘अनथक’