साहित्य
न जानूँ नेक हूँ, या बद हूँ, पर सोहबत मुख़ालिफ़ है
न जानूँ नेक हूँ, या बद हूँ, पर सोहबत मुख़ालिफ है , जो गुल हूँ तो गुलख़न में, जो ख़स हूँ तो हूँ गुलशन में। – बेधड़क बनारसी मेरे गुरुवर श्री बेधड़क बनारसी जी [ श्री काशीनाथ उपाध्याय भ्रमर जी ] वह हस्ती रहे हैं,जिन्होंने हिन्दी पत्रकारिता के क्षेत्र में Read more…