खासमखास

“सुन समन्दर” में अनगिनत भावों एवं रिश्तों की गहन तलाश 

सत्य प्रकाश असीम की कविताएं अनगिनत भावों एवं रिश्तों की गहन तलाश और उनका एहतिसाब हैं। इनमें जीवन की नाना प्रकार की अनुभूत गहरी तल्ख़ियां विद्यमान हैं, जो मानव पीड़ा को सहज रूप से निरूपित करने में सक्षम हैं। इसलिए भी उनको दर्द और पीड़ा का कवि भी माना जा Read more…

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 “त्राहिमाम युगे युगे” – एक सशक्त उपन्यास 

”त्राहिमाम युगे युगे ” अपने बलरामपुर के बहुआयामी लेखक राम पाल श्रीवास्तव का एक ऐसा उपन्यास है जिसमें नई ज़मीन तोड़ी गई  है। इस उपन्यास का लेखक बहुपठित और पंडित व्यक्तित्व का स्वामी है और उत्तरप्रदेश के अन्य कायस्थ समाज के शायर और अदीबों की तरह गंगाजमुनी तहज़ीब की  वकालत Read more…

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“त्राहिमाम युगे युगे”-ग्रामीण जीवन के विविध रंगों से सराबोर 

त्राहिमाम युगे युगे विधा : उपन्यास लेखक : राम पाल श्रीवास्तव प्रकाशक : न्यू वर्ल्ड पब्लिकेशन नई दिल्ली प्रथम संस्करण : 2024 मूल्य : 425 रुपए …………… सर्व प्रथम यह स्पष्ट कर दूँ की पुस्तक के विषय में यह  मेरी सहज प्रतिक्रिया है जिसका एक मात्र उद्देश्य पुस्तक के विषय Read more…

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“त्राहिमाम युगे युगे”- ज्वलंत विसंगतियों का आईना 

त्राहिमाम युगे युगे (उपन्यास)लेखक – राम पाल श्रीवास्तव प्रकाशक -न्यू वर्ल्ड पब्लिकेशन नई दिल्ली प्रथम संस्करण -2024मूल्य -425 रुपए यह चिरंतन सत्य है कि मृत्यु का निर्धारण जन्म के साथ ही हो जाता है। भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण भी अर्जुन को मृत्यु के स्वाभाविक होने का संदेश देते हैं- “जातस्य हि ध्रुवो मृत्युर्ध्रुवं Read more…

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‘त्राहिमाम युगे युगे’ – एक गंगा जमुनी दस्तावेज़ !

इस सप्ताह, पिछले कुछ दिनों से चर्चा में आयी ‘त्राहिमाम युगे युगे’, पढ़ने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. मेरी रूचि को समझ कर आदरणीय राम पाल श्रीवास्तव जी से डाक द्वारा प्राप्त हई. ‘त्राहिमाम युगे युगे’ वरिष्ट पत्रकार राम पाल श्रीवास्तव जी की एक ऐसी पुस्तक है जिसका नाम आपको चकित Read more…

खासमखास

भहराते कथा-भवन की “आख़िरी शहतीर”

हिंदी कहानी ने उतार-चढ़ाव भरे कई दौर गुज़ारे हैं। नए आयामों एवं रुख़ को तय किया है। प्रयोगों और आंदोलनों को भी झेला है। इन सबके चलते निश्चय ही कहानी का शिल्पगत स्वरूप निखरा, लेकिन इसके साथ ही इसका एक स्याह पहलू भी उभरकर सामने आया। वह यह कि अतिशय Read more…

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यथार्थवादी पुट से परिपूर्ण “डेढ़ आंख से लिखी कहानियां”

प्रतिभावान कथाकार तेजबीर सिंह सधर का प्रथम कथा संग्रह “डेढ़ आँख से लिखी कहानियाँ” पढ़ते समय ऐसा लगा कि एक ऐसे उपवन में विचरण कर रहा हूं, जहां नाना प्रकार के पुष्प अपनी सुगंध बिखेर रहे हैं। पाठक इनमें अनायास खो-सा जाता है। उसे यह भी बोध नहीं होता कि Read more…

खबरनामा

पुस्तक कुछ कहती है 

कहानियों का कारवाँ (उर्दू एवं अरबी की चयनित कहानियाँ) अनुवाद एवं संपादन – राम पाल श्रीवास्तव प्रकाशक – समदर्शी प्रकाशन, साहिबाबाद प्रथम संस्करण – 2024 मूल्य – 200 रुपए ….. उर्दू “कहानियों का कारवाँ” वजही (1635) की प्रतीकात्मक कथा “सबरस” से शुरू होकर सैयद सज्जाद हैदर की कहानी “नाश्ते की Read more…

अतिथि लेखक/पत्रकार

नए क्षितिज की तलाश करता “कहानियों का कारवां”

उर्दू अदब में अफसानानिगारी का चलन जितना पुराना है, उतना ही विदेशी कहानियों का देवनागरी लिपि में लिप्यंतरण एवं अनुवाद भी बहुत दिलचस्पी से किए व पढ़े जाते रहे हैं। तर्जमा के माध्यम से ही हम दुनिया भर की जुबानों में रचे गए साहित्य के रूबरू हुए हैं। ऐसा ही Read more…

खासमखास

संवेदना का समंदर है “तृप्ति की एक बूंद

कहानी की भाषा सपाट नहीं होती। उसमें सहजता के साथ अस्वाभाविकता का पुट मिले तो कोई हर्ज नहीं ! लेकिन यदि कहानी में संवेदनशीलता न हो, तो वह कोई पुष्ट कहानी नहीं बन पाएगी। फिर ज़बरदस्ती खींचतान हुई, तो उसकी आत्मा का मरना लाज़िम है, चाहे उसे आत्महत्या नाम दिया Read more…

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“कहानियों का कारवां” की नितांत पठनीयता 

वाकई किसी कवि ने  कहा था –  हम खड़े-खड़े बहार देखते रहे, कारवां गुज़र गया, गुबार देखते रहे  । किसी कवि की उक्त पंक्तियाँ उस समय चरितार्थ हो उठी ज़ब आदरणीय लेखक श्री रामपाल श्रीवास्तव जी द्वारा लिखित किताब “कहानियो का कारवाँ ” पढ़ने का सौभाग्य मिला ।  आज उस Read more…

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“अवतारवाद – एक नई दृष्टि” का सफल मंतव्य 

अवतारवाद पर  राम पाल श्रीवास्तव जी की किताब “अवतारवाद एक नई दृष्टि ” सच में एक नई दृष्टि लेकर हमारे सामने आई है। किताब को मैंने दो बार पढ़ा। किताब में बहुत से नए पहलुओं के बारे में बात की गई है। इसके लिए बात करने से पहले अध्ययन बहुत Read more…

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” ईश्वर, अल्लाह एक है फिर क्यों यह कोहराम ?”

कविता कवि की शान है, हालत उससे जान, सुंदर स्वर्ण कविता की, यही होत पहचान | – आर के रस्तोगी वास्तव में दोहा ने ही हिंदी कविता को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है | यह कम शब्दों में बड़ी बात कहने की प्रभावकारी विधा है | अर्थात, गागर Read more…

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साहित्य सिलसिला “- साहित्य जगत को नायाब तोहफ़ा

चर्चित उपन्यासकार डॉक्टर अजय शर्मा के सुसंपादन में प्रकाशित पत्रिका ” साहित्य सिलसिला ” का अक्टूबर 2023 अंक मेरे पास कुछ अधिक ताखीर से मिला। इसकी मुख्य वजह मेरा गाँव में रहना है। सेवानिवृत्ति उपरांत मैंने अपने पुश्तैनी आवास को अपना ठिकाना बनाया हुआ है। चूँकि यह देश के पिछड़े Read more…

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” शब्द-शब्द ” का प्रखर कवि अंतस 

” मेरी कविता आयास रचित नहीं, अनुभूत होती है, दुःख-सुख, वेदना और संवेदना की प्रसूत होती है, जब जब भी जुल्मोसितम बरपा होता है इंसानियत पर, कवि-अंतस के बृहत शब्द-संसार में स्वतः स्फूर्त होती है। “ “‘शब्द-शब्द’ केवल संजोये हुए शब्द नहीं, अपितु बीते लगभग दो दशकों की वेदना, समवेदना, Read more…