खासमखास
” शब्द-शब्द ” का प्रखर कवि अंतस
” मेरी कविता आयास रचित नहीं, अनुभूत होती है, दुःख-सुख, वेदना और संवेदना की प्रसूत होती है, जब जब भी जुल्मोसितम बरपा होता है इंसानियत पर, कवि-अंतस के बृहत शब्द-संसार में स्वतः स्फूर्त होती है। “ “‘शब्द-शब्द’ केवल संजोये हुए शब्द नहीं, अपितु बीते लगभग दो दशकों की वेदना, समवेदना, Read more…