साहित्य
मौलिकता को हरगिज़ न छोड़िए
मानव का मौलिक स्वभाव मानव – जीवन की बड़ी सच्चाई है , जिसकी प्रेरणा हमें धर्मग्रंथों में मिलती है | मूल स्वभाव और प्रकृति पर जीने से मनुष्य बुराइयों एवं विकारों से बहुत ही सुरक्षित रहता है | वह अपने को उत्कर्षगामी बनाये रखता है | वह सामने के हर Read more…