साहित्य
” कितना मुश्किल है कवि होना ?”
‘धन्य जीवन है वही जो ,दीप बनकर जल रहा , शुष्क भू की प्यास हरने , स्रोत बनकर चल रहा। जग में जीवन श्रेष्ठ वही , जो फूलों – सा मुस्काता है , अपने गुण – सौरभ से , कण – कण को महकाता है। मैं बहुआयामी प्रतिभा के धनी Read more…