साहित्य

 आस्तिकता – प्रेमचंद

सोच अलग व्यवहार अलग, ज़ीने का अंदाज अलग कुछ अलग है हम सब में, फिर भी एक से दिखतें है इस दुनिया के बज़ारों में, अलग अलग दाम में बिकते है साथी वो ही है साथ वो ही है, फिर भी रोज़ बात अलग कभी आँसू तो कभी मुस्कान अलग, इस Read more…