खबरनामा

बेचता यूं ही नहीं है आदमी ईमान को, भूख ले जाती है ऐसे मोड़ पर इंसान को

क्या कोई सोच सकता है कि हमारे देश की राजधानी में भूख से एक ही परिवार की तीन बच्चियों की मौत हो जाए और देश के विकास की अनवरत गाथाएं सुनाई जाएं ? हमारे देश के विकास की क्या यही सच्चाई है कि पेट भरने को कुछ न मिले ? Read more…