सामाजिक सरोकार

मैं तो था ही !

मैं तो था ही ! ……………….. अब लोग पूछते हैं क्या कुछ पढ़ा – लिखा है ? क्या बताऊं, मैं उन्हें जो पढ़ा वह लिखा नहीं जो लिखा वह पढ़ा नहीं ! अब कुछ नहीं है मेरे पास सिवाय यादों, वादों और बातों के – संग हैं जीवन के इंद्रधनुषी Read more…