साहित्य

क़लम के जादूगर !

क़लम के जादूगर ! अच्छा है, आज आप नहीं हो | अगर होते, तो, बहुत दुखी होते | आप ने तो कहा था कि, खलनायक तभी मरना चाहिए, जब, पाठक चीख चीख कर बोले, मार – मार – मार इस कमीने को | पर, आज कल तो, खलनायक क्या? नायक-नायिकाओं Read more…