साहित्य
उठेगा वतन कितना वादों से ख़ुदा जाने
आज़ादी – ए भारत के मशहूर हैं अफ़साने, उठेगा वतन कितना वादों से ख़ुदा जाने | हो कांग्रेसी कोई या पार्टी जनता की, ले डूबेंगे हम सबको कुर्सी के ये दीवाने | गड़बड़ किया है देश के हर कारोबार ने, रौंदा है ख़ूब गर्दिशे लैलोनहार ने | उकड़ू बकइयां खेल Read more…