साहित्य

एक कुष्ठचर्मी, तो दूसरा केशविहीन

जब कुष्ठचर्मी बना श्वेतचर्मी बैठ गया विश्व – सिंहासन पर दुनिया के मशहूर ट्रेड टावर पर  ऊंटों से भरी वादी लिए हांकता है दुनिया को लाल ऊंटों के बल पर झूठे अहं का शिकार होकर यह दुष्टधर्मी ! ….. जब केशविहीन  बना केशअहीन बैठ गया सत्ता -में सिंहासन पर दृष्टिवानों Read more…