खासमखास

राम – प्रेम

हमारा राम – प्रेम अगाध प्रेम भक्ति हमारी शक्ति हमारी आसक्ति हमारी आप आदर्श हैं मर्यादा पुरुषोत्तम हैं करते हैं संहार असत का मिथ्या का तभी तो हुआ रावण – वध आपके कर – कमलों से आप ही का हम अनुसरण किए जाते हैं – मेघनाथ कुंभकर्ण और रावण का Read more…