खासमखास

ग़रीबी के ग्रामर को समझना है ज़रूरी  

क्या भारतीय समाज में अब भ्रष्टाचार इतना रच – बस गया है कि इसके ख़िलाफ़ उठनेवाली आवाज़ें बहुत धीमी पड़ गई हैं ? अब शायद ही कोई राजनीतिक दल भ्रष्टाचार के खिलाफ़ संजीदा कोशिशें कर रहा है | जिस देश में ग़रीबी का ग्राफ़ लगातार बढ़ रहा हो,भुखमरी और आत्महत्या Read more…