खासमखास
”हम मरे जाते हैं तुम कहते हो हाल अच्छा है”
अच्छे ईसा हो मरीज़ों का ख़याल अच्छा है हम मरे जाते हैं तुम कहते हो हाल अच्छा है देख ले बुलबुल-ओ-परवाना की बेताबी को हिज्र अच्छा न हसीनों का विसाल अच्छा है आ गया उसका तसव्वुर तो पुकारा ये शौक़ दिल में जम जाए इलाही ये ख़याल अच्छा है | Read more…